-परिणाम आने के बाद बिहार में फिर होंगे उपचुनाव

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PATNA: इस बार फिर 10 विधायक सांसद बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. जदयू और राजद के चार-चार विधायक चुनाव मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस से दो विधायक चुनाव मैदान में हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि 10 में से छह-सात विधायक सांसद बन सकते हैं. जुलाई से उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के बाद भी ऐसा ही हुआ था.

पांच विधायक बने थे सांसद

सतीश चंद्र दूबे-नरकटियागंज, जर्नादन सिंह सिग्रीवाल-छपरा, नित्यानंद राय-हाजीपुर, अश्विनी चौबे-भागलपुर और छेदी पासवान-मोहनिया. ये सभी बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते थे. लेकिन, इन सीटों पर हुए उपचुनाव का परिणाम बीजेपी के लिए अच्छा नहीं रहा था. पांच में दो सीटें-मोहनिया और हाजीपुर में बीजेपी की जीत हुई थी. जबकि नरकटियागंज और भागलपुर में कांग्रेस एवं छपरा में निर्दलीय कैंडिडेट्स जीते. हालांकि 2014 में विधानसभा की कुल 10 सीटों पर उपचुनाव हुआ था. पांच सीटें बीजेपी और राजद के विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई थीं. इन विधायकों ने जदयू सरकार की मदद के लिए सदस्यता से इस्तीफा दिया था. सभी विधान परिषद भेजे गए थे.

बना था नया राजनीतिक समीकरण

उपचुनाव की खासियत यह रही थी कि नया राजनीतिक समीकरण बना था. लोकसभा में एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे राजद-कांग्रेस गठबंधन और जदयू के बीच उपचुनाव में दोस्ती हो गई थी. नतीजा लोकसभा चुनाव के ठीक उलट आया. नए गठबंधन को छह सीटें मिल गई, जबकि लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाला एनडीए चार सीटों पर सिमट गया. यही समीकरण 2015 के विधानसभा चुनाव में भी कायम रहा.

ये विधायक लड़ रहे चुनाव

नाम-लोकसभा क्षेत्र

गुलाब यादव- झंझारपुर.

चंद्रिका राय-सारण.

शिवचंद्र राम-हाजीपुर.

सुरेंद्र यादव -जहानाबाद.

अजय मंडल-भागलपुर.

मो. जावेद-किशनगंज.

डॉ. अशोक कुमार-समस्तीपुर.

दिनेश चंद्र यादव-मधेपुरा.

कविता सिंह-सिवान.

गिरिधारी यादव-बांका.