- गोरखपुर और बांसगांव के लिए कलेक्ट्रेट में की गई व्यवस्था

- डीएम कोर्ट में गोरखपुर और एडीएम एफआर कोर्ट में होगा बांसगांव का नॉमिनेशन

- 30 को स्क्रूटनी और 2 मई को होगी नाम वापसी

GORAKHPUR: गोरखपुर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर पूरी की जा चुकी हैं. वोटर लिस्ट फाइनल की जा चुकी है. सोमवार से नॉमिनेशन का दौर शुरू हो जाएगा. सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक कैंडिडेट्स नॉमिनेशन फॉर्म परचेज करने के साथ ही अपना नॉमिनेशन भी दाखिल कर सकते हैं. नॉमिनेशन फॉर्म मिलने और जमा करने की लास्ट डेट 29 अप्रैल है. गोरखपुर लोकसभा सीट्स के फॉर्म डीएम कोर्ट से मिलेंगे, जबकि बांसगांव लोकसभा के लिए सारी व्यवस्था एडीएम एफआर कोर्ट में की गई है.

प्रत्याशी के साथ पांच को परमिशन

रोड शो में अपनी धमक दिखाने वाले नेताओं का जलवा कलेक्ट्रेट कैंपस में बरकरार नहीं रह पाएगा. नॉमिनेशन के दौरान कलेक्ट्रेट कैंपस में निर्वाचन से जुड़े लोगों की एंट्री होगी. इसके अलावा अगर कोई पार्टी कैंडिडेट है तो उसके एक प्रस्तावक के साथ पांच लोगों को एंट्री करने की परमिशन होगी. वहीं दूसरी ओर अगर कैंडिडेट निर्दल है, तो उसके साथ 10 लोग अंदर जा सकते हैं. एंट्री कलेक्ट्रेट के मेन गेट से होगी और शास्त्री चौक स्थित गेट से कैंडिडेट्स और उनके प्रस्तावक बाहर आएंगे.

देना होगा एक्स्ट्रा शपथपत्र

इलेक्शन लड़ने की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स के लिए नॉमिनेशन प्रपत्र विधानसभा की तरह ही जमा करने होंगे. फोटो युक्त बैलट होने की वजह से कैंडिडेट्स को दो स्टैंप साइज फोटोग्राफ जोकि वाइट बैकग्राउंड पर खींची गई हो, जमा करनी होगी. साथ ही उन्हें इस बात की घोषणा करनी होगी कि उसके पास सिर्फ भारत की ही नागरिकता है, इसके अलावा कोई दूसरी नागरिकता उसके पास नहीं है. साथ ही कैंडिडेट्स को एक्स्ट्रा शपथपत्र देना होगा, जिसमें 10 साल के अंदर उनके ऊपर किसी राजकीय आवास का बकाया नहीं है, इस बात का नोड्यूज होना चाहिए.

दागी हैं तो प्रिंट कराना होगा इश्तेहार

लोकसभा चुनाव में दागियों की दाल बड़ी मुश्किल से गलेगी. चुनाव आयोग ने सभी आपराधिक प्रवृत्ति के कैंडिडेट्स पर लगाम कसने के लिए इस बार कड़े कदम उठाए हैं. एक तरफ जहां उन्हें नए फॉर्मेट में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का हिसाब देना होगा, तो वहीं कैंडिडेचर फाइनल होने के बाद इसका इश्तेहार भी देना होगा कि वह दागी हैं और उनके ऊपर कितने मुकदमे दर्ज हैं. यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि नॉमिनेशन से लेकर चुनाव की डेट के बीच तीन बार करना है. इससे अपराध करने के बाद भी सफेदपोश बने लोग बेनकाब होंगे और वोटर्स को भी सही कैंडिडेट्स चुनने में आसानी होगी.

सर्कुलेशन का रखना है ख्याल

आपराधिक छवि के कैंडिडेट्स पर इस बात की भी सख्ती होगी कि वह सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए इश्तेहार नहीं देंगे. बल्कि उन्हें अपने एरिया के सबसे ज्यादा सर्कुलेशन वाले न्यूज पेपर्स को चुनना होगा, जहां से आम लोगों को उनके बारे में जानकारी मिल सके. यही नहीं अगर उन्होंने इलेक्शन कमिशन के इस निर्देश का पालन नहीं किया, तो उनका कैंडिडेचर निरस्त भी हो सकता है. वहीं अगर उन्होंने पहले गलत सूचना का एफिडेविट दिया है और उसे दुरुस्त कराना चाहते हैं, तो उन्हें फाइनल लिस्ट डिक्लेयर होने से पहले काउंटर एफिडेविट देना होगा. यह दोनों एफिडेविट चुनाव आयोग को भी भेजा जाएगा.

सम्पत्ति भी नहीं छिपा सकेंगे कैंडिडेट्स

एक तरफ जहां आपराधिक लोगों पर लगाम कसने की तैयारी है, तो वहीं दूसरी ओर अकूत जायदाद रखने वालों पर भी ईसीआई की टेढ़ी नजर है. इस बार फॉर्म 26ए में कैंडिडेट्स को अपनी देशी सम्पत्ति के साथ ही विदेश की सम्पत्ति का ब्यौरा भी देना होगा. इतना ही नहीं उनकी पत्‍ि‌न और बच्चों के नाम पर भी अगर कोई जायदाद है, तो उसको भी एफिडेविट में दर्ज करना होगा. इस बार से इसे भी एफिडेविट में शामिल कर दिया गया है.

हाइलाइट्स - फेज - 7

डेट ऑफ नोटिफिकेशन - 22 अप्रैल 2019

लास्ट डेट ऑफ नॉमिनेशन - 29 अप्रैल 2019

स्क्रूटनी ऑफ नॉमिनेशन - 30 अप्रैल 2019

नाम वापस लेने की लास्ट डेट - 2 मई 2019

डेट ऑफ पोल - 19 मई 2019

काउंटिंग एंड रिजल्ट - 23 मई 2019

जमानत राशि -

जनरल और ओबीसी - 25 हजार

एससी-एसटी - 12 हजार