- नहीं बदले गए जर्जर तार-पोल, हादसे की बनी रहती है आशंका

- पोल में करंट आ जाने से हो चुके हैं कई हादसे

- गोला एरिया के देवकली गांव में 80 के दशक में आई थी बिजली

GOPALPUR: गोला विद्युत उपकेंद्र में पड़ने वाले देवकली गांव में 80 के दशक में ही बिजली आ गई थी लेकिन आज तक जर्जर पोल-तार नहीं बदले गए। स्थिति यह है कि तार कभी भी टूट जाते हैं। हाल ही में जर्जर पोल में करंट आ जाने से एक बकरी मर गई थी। हादसों के बाद क्षतिग्रस्त पोल-तार तो बदल दिए जाते हैं लेकिन सभी जर्जर पोल-तार आज तक नहीं बदले गए। ग्रामीणों ने हादसे की आशंका जताते हुए गांव के सभी पोल-तार बदलने की मांग की है।

हो चुके हैं हादसे

ढीले और जर्जर तारों से कई बार हादसे हो चुके हैं। इससे गांव में दहशत का माहौल रहता है। खासकर गर्मी और बरसात में यह दिक्कत अधिक होती है। गर्मी में तार टूटने की समस्या अधिक होती है तो बरसात में पोल के माध्यम से करंट की चपेट में आने का डर बना रहता है। अभी पिछले सप्ताह ही गांव के दिलीप मद्धेशिया के घर के पास के लोहे के पोल में करंट लग गई थी। गांव के ही मेहरूनिशा पत्‍‌नी जाहिद की बकरी करंट की चपेट में आकर मर गई। इसके पहले भी ढीले तारों से कई हादसे हो चुके हैं।

नहीं होती सुनवाई

जर्जर तार-पोल के बारे में कई बार ग्रामीणों ने बिजली अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन पोल-तार नहीं बदले गए। जब भी कभी हादसा हुआ या फिर पोल-तार क्षतिग्रस्त हुए तो विभाग केवल उतना ही बदलकर रह जाता है। कभी भी सभी तार-पोल को दुरुस्त नहीं किया गया। गांव में जहां-तहां लटक रहे ढीले तार और जर्जर पोल हादसों का सबब बने हुए हैं।

जान पर बनी

गांव के चन्द्रभान मौर्य, अतुल सिंह, प्रेम मौर्य, नागेन्द्र मौर्य, गोपाल मौर्य, जय प्रकाश सिंह, लालदेई आदि लोगों का कहना है कि उनकी जान पर बनी रहती है। बिजली लोगों की सुविधा के लिए है लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण इससे खतरे बढ़ गए हैं। कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर समस्या के समाधान को कहा गया लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

देवकली गांव के जर्जर तार-पोल के विषय में पूरी जानकारी है। मैंने जर्जर तार बदलने के लिए नए तार की व्यवस्था भी कर ली है। जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो जाएगा।

- शिवशंकर प्रसाद, अभियंता, गोला विद्युत उपकेन्द्र