क्त्रन्ठ्ठष्द्धद्ब:गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस में लुटेरों से भिड़ी महिला उमा देवी को चलती ट्रेन से फेंक दिया गया. गुरुवार की रात करीब साढ़े 11 बजे जसीडीह स्टेशन के पास हुई इस वारदात के बाद रेलवे की हेल्पलाइन नंबर 182 पर लगातार कॉल करने के बाद भी मदद नहीं मिली. बाद में परिजनों को सूचना दी गई. वे घटनास्थल पर पहुंचे और महिला को धनबाद लाए. उमा देवी को कार्मिक नगर के जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

क्या है मामला

सिवान से धनबाद आ रही महिला ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे चलती ट्रेन में दो लड़के पर्स लेने के लिए झपटे. दूसरे यात्री खामोश रहे. उमा देवी ने साहस दिखाया और अकेले ही उनसे भिड़ गई. इस बीच महिला से धक्का-मुक्की होने लगी. उनके साथ बैठी बेटी नेहा कुमारी ने चिल्लाना शुरू किया. फिर भी कोई मदद को नहीं आया. पर्स छीना-झपटी के बीच दोनों लुटेरों ने महिला को चलती ट्रेन से नीचे धकेल दिया. उसके बाद क्या हुआ, कुछ मालूम नहीं. कहते-कहते महिला की आंखें नम हो गई.

दिल्ली कॉल करने पर कहा-टीटीई को बताएं

महिला के बेटे रोहित का कहना है कि पहले काफी देर तक 182 पर कॉल लगाया मगर लगा ही नहीं. फिर गूगल से रेलवे की दिल्ली हेल्पलाइन का नंबर ढूंढ़ कर निकाला. उस पर कॉल करने पर कहा गया कि लोकल टीटीई से बात कर लें.

रेल पुलिस से नोक-झोंक

काफी देर बाद जसीडीह रेल पुलिस ने रोहित को कॉल किया और महिला के बारे में पूछताछ की. रोहित का कहना था पहले मेरी मां को अस्पताल में भर्ती करा दिया जाए. इसपर रेल पुलिस के साथ फोन पर नोक-झोंक भी हुई. पूरा परिवार रातभर परेशान रहा. वे रात में ही जसीडीह रवाना हुए और सुबह धनबाद में भर्ती कराया. जसीडीह रेल थाना से एक अधिकारी को महिला का बयान लेने धनबाद भेजा गया है. रेल डीएसपी 2 को जांच की जिम्मेवारी दी गई है.

बेटी ने की ट्रेन से कूदने की कोशिश

लुटेरों ने जब उमा देवी को ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया तो बेटी मां को बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूदने की कोशिश करने लगी मगर यात्रियों ने उसे कूदने से रोका. यात्रियों ने उसे सांत्वना दी कि प्लेटफॉर्म पर मौजूद जीआरपी जवान और रेलकर्मी उसकी मां की मदद करेंगे. वह पहले अपने परिजन को घटना की जानकारी दे. तब नेहा ने धनबाद में अपने पिता ईसीएलकर्मी सत्यदेव साव को जानकारी दी. उन्होंने तुरंत जसीडीह जीआरपी से संपर्क किया और अपने मित्र के साथ जसीडीह रवाना हो गए.