-सावन के दूसरे सोमवार को सिटी में उतरा केसरिया रेला

-शिवभक्तों की रिकॉर्ड संख्या ने बाबा के दरबार में लगाई हाजिरी

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VARANASI:

सावन के दूसरे मंडे को काशी में आस्था का जीवंत रूप देखने को मिला। सिटी के कोने-कोने में दिन भर केसरिया चोला ओढ़े बोल बम, बोल बम का जयघोष करते कांवरियों का हुजूम उमड़ता रहा। पुलिस कंट्रोल रूम से मिली इंफॉर्मेशन के अनुसार रात तक 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। खास यह रहा कि पिछली बार के कम्पैरिजन में इस बार डाकबमों की संख्या में जोरदार इजाफा देखने को मिला। कल ख्00 से अधिक डाकबमों ने बाबा दरबार में जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया। बाबा काशी विश्वनाथ के अलावा मारकण्डेय महादेव, त्रिलोचन महादेव व अन्य शिवालयों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

लगी लंबी कतारें

बाबा के दर्शन के लिए संडे से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगना स्टार्ट हो गई थी। हर बार की तरह इस बार भी ज्ञानवापी स्थित छत्ताद्वार से ही उन्हें मंदिर में एंट्री दी गई। शिवभक्तों की लाइन छत्ताद्वार से होती हुई चितरंजन पार्क, फिर वहां से लक्सा तक लगी रही। शिवभक्त हाथ में जल की लुटिया लिये लाइन में अपनी बारी का वेट करते दिखे। श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद बाहर निकलने के लिए सरस्वती फाटक गेट को एग्जिट गेट बनाया गया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने मंदिर की ओर जाने वाले हर एक मार्ग पर यातायात प्रतिबंधित किया हुआ था। इसका स्ट्रिक्टिली पालन कराया जा रहा था।

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ख्00 से अधिक डाकबम

प्रयाग से जल लेकर बिना रुके बाबा काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक का संकल्प लेने वाले डाकबमों की संख्या जोरदार रही। श्री काशी विश्वनाथ कांवरिया सेवा समिति के सेक्रेटरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि निश्चित ही यह संख्या पहले मंडे से अधिक थी लेकिन पिछले सावन की अपेक्षा इस बार डाकबम भी कम संख्या में आ रहे हैं। सफेद वस्त्रों में नंगे पांव भोलेनाथ के दर्शन की लालसा में डाकबमों के पैरों में छाले पड़ गये थे। लेकिन आस्था की फिटकरी उन्हें दर्द का एहसास होने ही नहीं दे रही थी। सीटी बजाते हुए वे जिधर से भी गुजर रहे थे लोग उनके स्वागत के लिए रास्ता खाली कर दे रहे थे।

मंदिर के आसपास बंद रही शॉप्स

एडमिनिस्ट्रेशन ने सावन के दूसरे सोमवार को उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर बड़ी संख्या में फोर्स तैनाती की थी। कड़ी चौकसी और सिक्योरिटी के बीच श्रद्धालुओं को बाबा का दर्शन कराया जा रहा था। पुलिस फोर्स के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स के सोल्जर्स को भी सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने सिक्योरिटी की दृष्टि से विश्वनाथ मंदिर के आस-पास की शॉप्स को बंद करा दिया था।

'बाबा के दरबार में कुछ मांगने आया हूं'

डाकबम बनने का संकल्प लेने के पीछे शिवभक्तों में प्रबल श्रद्धा के साथ ही बाबा भोलेनाथ को धन्यवाद देने की इच्छा भी सशक्त थी। किसी ने बाबा से बेहतरी जॉब की मन्नत मांगी तो किसी ने अपने बेटे के सफल ऑपरेशन पर बाबा दरबार में हाजिरी लगाने का संकल्प लिया था। हर कोई बाबा के दरबार में अपनी-अपनी अरदास लेकर आया था।

चौथी बार काशी आया हूं। बाबा से सरकारी नौकरी की मांग की है। अगर बाबा ने मेरी सुन ली तो अगले साल फिर आऊंगा।

विवेक कुमार, सैदाबाद

बाबा भोले सरकारी जॉब दिला दें। इसी कामना में आया हूं। मुझे विश्वास है कि बाबा मेरी विनती जरूर सुनेंगे।

ज्ञानचंद्र, सैदाबाद

बेटे का ऑपरेशन सक्सेसफुल होने पर मन्नत पूरी करने आया हूं। भगवान भोलेनाथ ने मेरे बेटे पर कृपा बरसाई है। उसे बाबा ने नई जिंदगी बख्शी है।

रविशंकर जायसवाल, महाराष्ट्र

पहली बार आया हूं। भगवान के दरबार में आया हूं। कोई कामना नहीं है।

कपिल सिंह, सैदाबाद

विवेक कुमार