RANCHI: राज्य में शराब दुकानों की बंदोबस्ती का प्रॉसेस झारखंड उत्पाद नियमावली-2018 के तहत शुरू हो गया है। चार मार्च तक आवेदन भरने की तिथि तय की गई है। पांच मार्च को इसकी ऑनलाइन बोली लगेगी। नई नीति के तहत व्यापारियों को तीन वषरें के लिए दुकानों की बंदोबस्ती की जाएगी। हर वर्ष लाइसेंस रिन्यूअल किया जाएगा और इस दौरान हर दुकान के राजस्व का लक्ष्य पुन: तय किया जाएगा। उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने बताया कि इस बीच अगर व्यापारी चाहें तो अपना लाइसेंस सरेंडर भी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से कोई शुल्क नहीं देना होग, शर्त बस इतनी है कि सरेंडर की जानकारी उन्हें जनवरी में ही देनी होगी ताकि अप्रैल से पहले दुकान की दोबारा बंदोबस्ती कराई जा सके। वित्तीय वर्ष के बीच में सरेंडर करने पर उन्हें नियमानुसार शुल्क देना होगा।

1558 करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा

उत्पाद आयुक्त ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष में उत्पाद विभाग को 1600 करोड़ रुपए का राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। इनमें 1558 करोड़ रुपए शराब दुकानों से वसूले जाएंगे, जबकि बाकी पैसे बार से वसूले जाएंगे। इससे पहले जब सरकार की ओर से शराब बेची जा रही थी तो विभाग को एक हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था।

चार जोन में बंटेंगे लाइसेंस

उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने बताया कि दुकानों की स्थिति के आधार पर लाइसेंस चार क्षेत्रों के लिए दिए जाएंगे। इसमें तीन अरबन व एक रूरल एरिया शामिल है। शहरी क्षेत्र में सभी नगर निगम क्षेत्र, बोकारो स्टील सिटी, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र और इसके तीन किलोमीटर के परिधीय क्षेत्र, सभी नगर पंचायत क्षेत्र व इनके दो किलोमीटर के परिधीय क्षेत्र व सभी नगर पंचायत व इनके एक किलोमीटर परिधीय क्षेत्र को शहरी क्षेत्र बताकर वैलेट क्रिएट करना अनिवार्य होगा। यहां आवेदक को दुकान के लिए निर्धारित आवेदन शुल्क, धरोहर धनराशि, एजेंसी चार्ज और नियमानुसार जीएसटी की राशि जमा करनी होगी। आवेदन शुल्क और जीएसटी नन रिफ ंडेबल होगा। असफ ल आवेदकों की धरोहर धनराशि वापस कर दी जाएगी। सफ ल आवेदकों की धरोहर धनराशि उनकी ओर से दी गई जमानत की राशि में समायोजित कर ली जाएगी। आयुक्त ने बताया कि सुविधा के लिए आवेदक एक ही खाता का इस्तेमाल करें ताकि उनकी राशि लौटाने में सुविधा हो।