अवसाद से भी जूझ रहे

36 वर्षीय विंसेंट ने न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान क्रिस केर्न्स की झूठी गवाही के मामले में अदालत के सामने स्वीकार किया कि आईसीएल में चंडीगढ़ लायंस टीम की तरफ से खेलते हुए वह सीनियर खिलाड़ियों के जोर देने पर मैच फिक्सिंग में शामिल हुए। विंसेंट ने इस दौरान न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर डेरेल टफी और दिनेश मोंगिया का नाम लिया। उन्होंने कहा कि उस दौरान वह मानसिक-शारीरिक परेशानी के साथ अवसाद से भी जूझ रहे थे और 'गैंग से जुड़कर बेहतर महसूस कर रहे थे।'मोंगिया ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, 'जो विंसेंट ने कहा, वह गलत है। वह किसी भी मैच फिक्सिंग में शामिल नहीं थे। वह चंडीगढ़ लायंस की तरफ से खेलते जरूर थे, लेकिन वह नहीं जानते थे कि ये कीवी खिलाड़ी (क्रिस केर्न्स, डेरेल टफी और लू विंसेंट) क्या कर रहे हैं।'

आईसीएल में खेलने लगे

भारत के लिए 57 वनडे और एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके 38 वर्षीय मोंगिया 2003 आईसीसी विश्व कप के दौरान भारतीय टीम के सदस्य थे। मोंगिया बागी लीग आईसीएल में खेलने लग गए थे, लेकिन 2008 के सत्र में अनुशासनात्मक कारणों से आईसीएल से बाहर कर दिए गए थे। आईसीएल के भंग हो जाने के बाद बहुत से खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने दोबारा खुद से जोड़ते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मौका दे दिया, लेकिन पंजाब के इस बायें हाथ के बल्लेबाज को बीसीसीआई ने तरजीह नहीं दी।केर्न्स पर आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने जनवरी, 2010 में मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था जब वह चंडीगढ़ लायंस के लिए खेलते थे। दो साल बाद 45 वर्षीय केर्न्स ने मोदी पर मानहानि का मुकदमा करके जीता। लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि केर्न्स मैच फिक्सिंग में शामिल थे और उन्होंने कसम खाने के बावजूद झूठ बोला है।

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