Case1- डीएल रोड में रहने वाली रीमा(नेम चेंज) और हरीश(नेम चेंज) को इस बात का डर था कि परिजन उनकी शादी को तैयार नहीं होंगे, जिस कारण दोनों ने चुपचाप कोर्ट मैरिज कर ली और अपने-अपने घर में रहने लगे। ताकि बाद में वे मैरिज सर्टिफिकेट को बतौर सबूत के तौर पर पेश कर सके, लेकिन इससे पहले ही दोनों में विवाद हो गया और रीमा ने तलाक के लिए आवेदन कर दिया।

Case 2- पटेल नगर एरिया की ऋतु (नेम चेंज) और राजेश (नेम चेंज) ने महज इसलिए कोर्ट मैरिज कि ताकि उन्हें कोई कभी एक दूसरे से अलग न कर सकें, लेकिन चंद दिनों में ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। दोनों के साथ जीने मरने की कसम टूट गई और ऋतु ने राजेश से तलाक मांग लिया।

 

मैरिज सर्टिफिकेट का लिया सहारा
दरअसल, तलाक के कई मामले सिटी के अलग-अलग एरिया से हैं। तीन मामले ऐसे हैं जिनमें प्रेमी युगल पड़ोसी हैं, जबकि एक मामले में युवती दून की तो युवक सहारनपुर का रहने वाला है। सभी मामलों में एक बात कॉमन है कि प्रेमी युगल ने बिना बताए कोर्ट मैरिज की है। वह भी सिर्फ इसलिए कि बाद में यदि परिजन उनकी शादी दूसरी जगह करने का प्रयास करते है, तो वे मैरिज सर्टिफिकेट के जरिए यह साबित कर सकें कि वे पहले से ही शादीशुदा है। हालांकि कोर्ट मैरिज करने के बाद भी प्रेमी युगल अपने-अपने घर में रह रहे थे, लेकिन प्रेमी युगल अब तलाक चाहते हैैं। कारण कई हैैं, लेकिन एक बात कॉमन है कि लड़की ने तलाक के लिए आवेदन किया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है उसे अब लड़के का साथ पसंद नहीं। एक मामले में तलाक भी हो चुका है, जबकि तीन मामले अभी कोर्ट में लंबित चल रहे हैं।


मैरिज से पहले और बाद में लड़के के बिहेवियर में बदलाव आता है, जो शादी के इन मामलों में विवाद का कारण रहा होगा। फिलहाल तीन मामले कोर्ट में चल रहे हैैं, लेकिन एक बात जरूर कहना चाहूंगी कि बच्चे किसी भी कदम को उठाने से पहले एक बार परिजनों की राय जरूर लें, ताकि बाद में उन्हें दिक्कत न उठानी पड़े।
-रविंद्री मंद्रवाल, पूर्व जिला संरक्षण अधिकारी