- एआईसीटीई से मंजूरी मिलने के बाद ही एलयू के स्टूडेंट्स को विदेश में नौकरी करने का मिल सकेगा मौका

LUCKNOW : एलयू प्रशासन इंजीनियरिंग फैकेल्टी को जल्द ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन एआईसीटीई से मंजूरी दिलाने की तैयारी कर रहा है। एलयू में इंजीनियरिंग फैकेल्टी शुरू हुए तीन साल हो चुके हैं। इस साल यूनिवर्सिटी चौथे साल में स्टूडेंट्स को एडमिशन देगी। ऐसे में 2020-21 में इंजीनियरिंग फैकेल्टी से पहला बैच कोर्स पूरा करके बाहर जाएगा। ऐसे में इस साल यूनिवर्सिटी को इंजीनियरिंग के सभी ट्रेड के स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट की प्रक्रिया शुरू करनी हैं। इससे पहले यूनिवर्सिटी को एआईसीटीई से खुद को सम्बद्ध कराना होगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग के सभी पांचों ट्रेड को एआईसीटीई से मंजूरी दिलाएंगी। इसके लिए नया सेशन शुरू होने से पहले ही प्रस्ताव बनाकर एआईसीटीई को भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

विदेश में प्लेसमेंट में दिक्कतें

किसी भी टेक्निकल संस्थान को अपने स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट दिलाने के लिए के लिए एआईसीटीई से मंजूरी या सम्बद्धता लेनी होती है, क्योंकि विदेशों में नौकरी के लिए जो सर्टिफिकेट मान्य है उनकी संस्था ने भारत ने एआईसीटीई से सम्बद्ध संस्थाओं के कॉलेजों को प्लेसमेंट के लिए योग्य माना है। ऐसे में एलयू के इंजीनियरिंग के पहले बैच को प्लेसमेंट कराना है तो उसे देश व विदेश की कम्पनियों को कैम्पस प्लेसमेंट के लिए बुलाना होगा। अगर विदेशी कम्पनियों प्लेसमेंट के लिए एलयू आती है तो उसे एआईसीटीई से मंजूरी प्राप्त करनी होगी।

तीन साल पर मिलती है मंजूरी

एआईसीटीई के नियमों के अनुसार वह किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान को तीन साल लगातार पढ़ाई पूरी कराने के बाद ही सम्बद्धता या मंजूरी प्रदान करता है। एलयू में इंजीनियरिंग फैकेल्टी शुरू हुए तीन साल हो चुका है, अब ऐसे में एलयू को बीते तीन का पूरा रिकार्ड तैयार कर एआईसीटीई के पास भेजना होगा। जिसको देखने के बाद ही एआईसीटीई के ओर से एलयू को टेक्निकल कोर्स शुरू करने के लिए मंजूरी देगा।

कोट

हम इस साल जुलाई से पहले एआईसीटीई से मंजूरी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे है। जिसे प्लेसमेंट प्रक्रिया शुरू करने में आसानी हो। तीन साल पर एआईसीटीई से मंजूरी लेना अनिवार्य है।

प्रो। आरएस गुप्ता, निदेशक

इंजीनियरिंग फैकेल्टी