कंप्यूटर लैब में ही रोक दिया

पत्रकारों से मुखातिब छात्रा ने बताया कि वह 16 जनवरी को सुबह 9.45 बजे कॉलेज पहुंची। क्लास में दो-तीन लड़के थे, इसलिए वह बाहर निकल आई। कुछ ही मिनट बाद उसकी दो फ्रेंड्स आ गईं और वह क्लास में आकर बैठ गई। इसी बीच असेंबली बेल बजने पर वह असेंबली एरिया में पहुंच गई। जहां प्रेयर के बाद वह सभी बच्चों के साथ क्लास पहुंची। दो पीरियड तक तो सबकुछ ठीक चला। तीसरे पीरियड में वह क्लास मेट्स के साथ कंप्यूटर लैब पहुंची। छात्रा ने बताया कि लैब में अभी 10 मिनट ही बीते थे कि इसी बीच बाहर से आवाज आई कि कोई बच्चा बाहर न निकले।

ली गई तलाशी

छात्रा ने बताया कि वे लोग कुछ माजरा समझ पाते इससे पहले ही दो-दो बच्चों को बाहर निकालकर उनके  ब्लेजर उतरवाकर चेकिंग की गई। इसके बाद फिर से बच्चों को क्लास में भेज दिया गया। इस दौरान किसी भी बच्चे को नहीं बताया गया कि आखिर हुआ क्या है। छात्रा के मुताबिक, स्कूल से लौटने पर शाम करीब 6 बजे स्कूल की टीचर सुनीता, दीपा चावला और आशा उसके घर पहुंची और उसे स्कूल ले गईं। पिता द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने इसे रूटीन बताया। छात्रा ने बताया कि स्कूल पहुंचने पर प्रिंसिपल रीता मानस ने उससे पूछा कि क्या तुम ब्लू व्हेल गेम खेलती हो? न में जवाब देने पर उन्होंने बस इतना बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रही लड़की उससे मेल खा रही है। इस दौरान भी उन्होंने न तो छात्रा से और न ही उसके पिता से घटना के बारे में बताया।

प्लांट किये गए एविडेंस

छात्रा ने बताया कि 17 जनवरी को तीन पीरियड तक पढ़ाई करने के बाद उसे तान्या मैम बुलाकर अपने साथ ले गईं। जहां एक रूम में सुनीता मैम ने उसके पूरे कपड़े उतरवाकर तलाशी ली। वह रोने लगी तो उसे वापस क्लास में भेज दिया गया। 10 मिनट बाद उसे फिर से लाइब्रेरी रूम में बुलाया गया। छात्रा के मुताबिक, वहां दरवाजे के पास एक चाकू जमीन पर पड़ा था। चाकू की धार वाले हिस्से को फॉइल से रैप किया हुआ था जबकि, उसका हैंडल खुला हुआ था। वहां मौजूद सुनीता चावला मैम ने उसे वह चाकू उठाकर टेबल पर रखने को कहा। उसने वैसा ही किया। इसके बाद तान्या मैम ने उसके 20-25 बाल तोड़ लिये फिर उसे घर भेज दिया गया। छात्रा संग मौजूद उसके पिता ने कहा कि इस तरह स्कूल की टीचर्स ने चाकू पर उनकी बेटी के फिंगरप्रिंट व बाल के एविडेंस को प्लांट कर पुलिस को सौंप दिये ओर उनकी बेटी को पुलिस ने दोषी करार दे दिया। उन्होंने कहा कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन किसी अन्य को बचाने के लिये उनकी बेटी को जबरन फंसा रहा है।

'जांच के लिये क्यों नहीं लिये कपड़े'

छात्रा के पिता ने बताया कि जब पुलिस ने उनकी बेटी को दोषी करार दे दिया तो फॉरेंसिक जांच के लिये उसके कपड़े क्यों नहीं लिये। वह कपड़े अब भी सुरक्षित रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा बताई थ्योरी को जल्दबाजी में मानकर उनकी बेटी को दोषी करार दे दिया। पिता ने बताया कि सितंबर महीने में बेटी की कलाई में कॉलेज में कोई नुकीली चीज लग गई। जिसे लेकर उनकी व टीचर सुनीता चावला से बहस हुई थी। उन्होंने आशंका जताई कि इसी से चिढ़कर टीचर ने उनकी बेटी को फर्जी फंसा दिया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि, हकीकत सामने आ सके।

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