लखनऊ (ब्यूरो)। पीसीएस ऑफिसर एवं एलडीए में संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने मिसेज इंडिया 2019 का खिताब जीतकर राजधानी के साथ प्रदेश का मान बढ़ाया। खास बात यह है कि कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेने के दौरान उन्होंने बजट का भी खासा ध्यान रखा। कॉम्पिटीशन में फाइनल राउंड के लिए जरूरी ब्लैक गाउन की कीमत 40 हजार से अधिक होने के कारण उन्होंने लखनऊ से ही गाउन सिलवाई और उसे पहन फाइनल राउंड में उतरकर खिताब अपने नाम किया।  

20 स्टेट की 60 प्रतिभागी

मुंबई में आयोजित छह दिवसीय कॉम्पिटीशन में 20 राज्यों की 60 महिलाओं ने प्रतिभाग किया था। रविवार रात हुए कॉम्पिटीशन के फाइनल में सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए पीसीएस ऑफिसर ने सफलता की मंजिल हासिल की। खास बात यह रही कि उन्होंने मिसेज इंडिया के खिताब के साथ ही 'मिसेज ब्यूटी विद परपज' और 'मिसेज इंटेलेक्चुएल' का खिताब भी जीता। 

पीसीएस ऑफिसर ऋतु लखनवी गाउन पहन बनीं मिसेज इंडिया

वीसी ने किया सम्मानित

मुंबई से लौटने के बाद संयुक्त सचिव ने एलडीए वीसी पीएन सिंह से मुलाकात की। जिसके बाद वीसी ने उन्हें सम्मानित भी किया। बता दें कि ऋतु सुहास आईएएस ऑफीसर एवं अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एलवाई की वाइफ हैैं।

हर कदम पर मिली चुनौती...

मुंबई से लौटने के बाद मिसेज इंडिया से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने खास बातचीत की, पेश हैं उसके कुछ अंश...

-कॉम्पिटीशन के लिए आप कितने समय से तैयारी कर रही थीं?

-पिछले नौ माह से लगातार तैयारी कर रही थी। हालांकि तैयारी में बहुत अधिक समय नहीं दे पा रही थी।

-कॉम्पिटीशन में कोई चुनौती का पल?

-कॉम्पिटीशन में टीवी एक्टर्स के साथ-साथ कोरियोग्राफर्स भी शामिल हुए थे, ऐसे में हर कदम पर चुनौती थी लेकिन एक भी पल के लिए घबराहट नहीं हुई।

-कॉस्ट्यूम राउंड कुछ खास रहा, इसकी वजह?

-मैैंने कॉस्ट्यूम राउंड में अनारकली का गेटअप किया था, इसके लिए पहले से कोई तैयारी भी नहीं की थी।

-कॉम्पिटीशन, जॉब और परिवार के बीच किस तरह से सामंजस्य स्थापित किया?

-मैैैं टाइम मैनेजमेंट पर खासा फोकस करती हूं, इस वजह से सामंजस्य स्थापित करने में कभी प्रॉब्लम नहीं आई।

पीसीएस ऑफिसर ऋतु लखनवी गाउन पहन बनीं मिसेज इंडिया

-जीत का श्रेय किसे देंगी?

-पति, फैमिली मेंबर्स के साथ-साथ फ्रेंड्स और हर उस व्यक्ति को जिसने मेरा सहयोग किया।

-महिलाओं के लिए कोई संदेश?

-शादी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह अंत नहीं है। हमें सपने देखते रहने चाहिए और उसे पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए। निश्चित रूप से हमें सफलता मिलेगी।

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