लखनऊ (एएनआई)। लखनऊ पुलिस ने सोमवार को किसान संघों द्वारा बुलाए गए 'रेल रोको आंदोलन' में भाग लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की धमकी दी है। पुलिस ने कहा कि सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा क्योंकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144, जो चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है वो प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगाई गई है। लखनऊ के पुलिस आयुक्त ध्रुव कांत ठाकुर ने पुलिस उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस उपायुक्त, पुलिस आयुक्तालय, लखनऊ के प्रभारी निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि ''कोई भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि न होने दें'' और उनसे कानून की संबंधित धाराओं के तहत ऐसी गतिविधियों में शामिल 'असामाजिक' तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।

अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करते हुए सोमवार को छह घंटे के राष्ट्रव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान किया है। लखीमपुर मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का बेटा आशीष मिश्रा टेनी आरोपी है। किसान संघों द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है, "अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग के लिए दबाव डालने के लिए एसकेएम ने 18 अक्टूबर को एक राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है ताकि लखीमपुर खीरी हिंसा में न्याय दिलाया जा सके।

छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोकने का प्लान

एसकेएम ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोकने के लिए अपने सहायक संगठनों से आह्वाहन किया है। एसकेएम ने किसी भी रेलवे संपत्ति को किसी भी प्रकार की क्षति और क्षति के बिना शांतिपूर्वक इस कार्रवाई को करने के लिए कहा। 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उनका बेटा आशीष मिश्रा घटना स्थल पर मौजूद नहीं था। आशीष ने वही दोहराया और एसकेएम के आरोपों का खंडन किया।

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