प्रिंस अली बिन अल-हुसैनः

जॉर्डन के राजकुमार अली बिन अल-हुसैन इस बार के फीफा चुनावों में सेप ब्लाटर के खिलाफ खड़े हुए थे. उम्मीद थी कि वो जीत भी जाएंगे लेकिन एक बार फिर ब्लाटर का दबदबा भारी साबित हुआ और प्रिंस को हार मिली. हालांकि एक बार फिर इस पद के खाली होने के बाद प्रिंस की उम्मीदें जगी हैं और वो एक बार फिर चुनाव के लिए तैयार हैं.

लुइस फीगोः

पुर्तगाल के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर लुइस फीगो के करोड़ों फैंस हैं और वो फुटबॉल जगत में प्रशासनिक स्तर पर काफी सक्रिय माने जाते हैं. ब्लाटर के इस्तीफे के बाद फीगो ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बयान भी दिया था. उन्होंने कहा कि अब शांति से हल निकालते हुए एक नए दौर की शुरुआत के लिए कदम उठाने चाहिए जिसमें पारदर्शिता मौजूद रहे। फीगो इस पद के लिए एक अहम दावेदार साबित हो सकते हैं.

माइकल प्लाटिनीः

फ्रांस के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और लंबे समय से यूरोपीय फुटबॉल संघ यूएफा के प्रमुख पद पर मौजूद माइकल प्लाटिनी इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माने जा सकते हैं लेकिन पिछले साल उन्होंने ब्लाटर के खिलाफ चुनाव में न खड़े होने का फैसला लिया था. हालांकि उन्होंने 2019 के लिए कोशिश करने में असहमति नहीं जताई थी. वहीं, प्लाटिनी के सामने जो सबसे बड़ी दिक्कत है वो ये है कि वो दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉल संघों में से एक यूएफा के शीर्ष पद पर पहले से मौजूद हैं.

कई और भी हैं:

वैसे, इन तीनों के अलावा जर्मनी के पूर्व खेल पत्रकार व जर्मन फु टबॉल संघ के मौजूदा अध्यक्ष वुल्फगैंग नायर्सबाक, स्विस-इटालियन व्यवसायी व फीफा के ढांचे में शामिल रहे डोमिनिको स्काला और अमेरिकी फुटबॉल फेडरेशन के सुनील गुलाटी भी फीफा अध्यक्ष पद की इस दौड़ में कुछ अन्य नाम हो सकते हैं लेकिन फिलहाल तीन सबसे बड़े नाम प्रिंस, फीगो और प्लाटिनी के ही नजर आ रहे हैं.

Report By Shivam Awasthi.Dainik jagran

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