- दवाइयां खाने में भी हो रही है देरी

- सदर में मरीजों को टाइम से नहीं मिल रहा खाना

- तीन स्टाफ के भरोसे सदर हॉस्पिटल किचन

- खाना बनाने के बाद बांटने की जिम्मेवारी भी 3 स्टाफ्स की

- मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद नहीं बढ़ाए जा रहे हैं स्टाफ

- 350 करोड़ रुपए का है सुपरस्पेशियरिटी बिल्डिंग

रांची : सिटी के हार्ट में स्थित सदर हॉस्पिटल को नाम तो सुपरस्पेशियलिटी मिल गया, लेकिन मरीजों के डाइट का टाइम-टेबल आज भी खराब ही है। स्थिति यह होती जा रही है कि मरीजों को टाइम से खाना नहीं मिल पा रहा है। टी-टाइम के समय उन्हें लंच परोसा जा रहा है। इससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं दवा लेने में भी देर हो जा रही है। इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन व्यवस्था सुधारने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा। बताते चलें कि सदर के किचन में महज तीन स्टाफ सैकड़ों मरीजों का खाना बना रहे है।

सौ से अधिक मरीजों का खाना

हॉस्पिटल के मैटरनिटी, चाइल्ड और जेनरल वार्ड मिलाकर 100 से अधिक मरीज एडमिट रहते हैं। मरीजों के सुबह के नाश्ते से लेकर रात तक का खाना किचन में ही बनाया जाता है। लेकिन इतने मरीजों का खाना बनाने का जिम्मा तीन स्टाफ्स के कंधों पर ही है। हॉस्पिटल किचन के कई स्टाफ रिटायर हो गए। लेकिन उनकी जगह नए स्टाफ बहाल नहीं किए गए।

बांटने का जिम्मा भी तीन स्टाफ पर

किचन में काम करने वाले स्टाफ की ड्यूटी केवल बनाकर ही खत्म नहीं हो जाती। खाना बनाने के बाद हर वार्ड में जाकर खाना बांटने का जिम्मा भी उन्हें ही सौंप दिया गया है, जो खाना तैयार करते हैं। इससे इतना तो साफ है कि मैनपावर नहीं होगा तो मरीजों को टाइम पर खाना मिल पाना मुश्किल है।

शाम में बांटकर निकल जाते हैं रात का खाना

मैनपावर की कमी के कारण किचन में काम करने वाले स्टाफ भी थककर चूर हो जाते हैं। ऐसे में दोपहर का खाना तो मरीजों को लेट मिलता है। लेकिन रात का खाना वे लोग जल्दी परोसकर निकल जाते हैं। इस वजह से भी मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खाना ठंडा होने के बाद वह कई बार खाने लायक भी नहीं रह जाता।

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सुबह में तो फल, ब्रेड, अंडा मिल जाता है। लेकिन दोपहर का खाना 2 बजे के बाद मिल पाता है। कई बार तो खाने में देर हो जाती है। शाम में भी 6 बजे तक रात का खाना आकर दे जाते है।

प्रभु

सुबह तो नाश्ता टाइम से मिलता है। दोपहर और रात का खाना भी टाइम से बांटने का जरूरत है। मरीजों को देखते हुए अधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए।

रुकनी देवी