: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के एनआरसी स्टाफ ने पेश की मिसाल, बेटा हुआ सेहतमंद, मां की रोशनी भी लौटी

बरेली: आप भले किसी के बीमार होने पर सरकारी हॉस्पिटल की बजाय प्राइवेट की ओर दौड़ें। लेकिन जो इंसानियत डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में देखने को मिलेगी, वह कहीं और नुमाया नहीं होगी। ऐसा ही एक मामला हाल में सामने आया, जिसमें कमजोर बच्चे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर पहुंची दिव्यांग मां और पिता को दोहरी खुशी मिली। उनका बेटा सेहतमंद हो गया और मां की आंखों की रोशनी भी लौट आई।

क्या है पूरा मामला

शहर के मझगवां ब्लॉक में चंदनपुर गांव के कल्लू सिंह वाइफ कंचन के साथ सात मंथ के बेटे सूरज को लेकर 13 फरवरी को एनआरसी गए थे। एनआरसी डायटिशियन डॉ। रोजी जैदी को बताया कि बच्चे का वजन 3 किलो 900 ग्राम है। डॉ। रोजी ने जांच शुरू की, तभी उनकी नजर सूरज की मां कंचन पर गई। कंचन देख नहीं सकती थी। यानी सूरज की सेहत का ख्याल रखना उसके लिए मुश्किल था। डॉ। रोजी स्थिति समझ गई। उन्होंने कंचन के पति कल्लू को समझाया कि बेटे के साथ मां का इलाज भी जरूरी है। कंचन को दिखने लगेगा, तो वह बेटे का ख्याल खुद भी रख पाएगी। बात पते की थी, लेकिन कल्लू ने बताया कि उसकी वाइफ बचपन से दिव्यांग है। उसे बिल्कुल भी नहीं दिखता है। लेकिन डॉ। रोजी ने कंचन की आंखों की जांच के लिए सहमति ले ली।

और ऐसे लौट आई रोशनी

जिला अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉ। डीएन सिंह ने बताया कि कंचन ने खुद को दिव्यांग मान लिया था, लेकिन जांच में पता चला कि उसे मोतियाबिंद है। इलाज ने होने से रेटिना पर एक चादर आ गई, जिस वजह से उसे दिखना बंद हो गया था। ऐसे केस में रोशनी वापस आने की उम्मीद रहती है। 17 फरवरी को कंचन का ऑपरेशन किया गया। जब आंख की पट्टी खोली गई, तो उसे थोड़ा दिखने लगा। उम्मीद है कि जल्द पूरी रोशनी लौट आएगी।

पहली बार अपने लाल को देखा

मैंने पहली बार अपने बच्चे को देखा। इस एहसास को शब्दों में बताना मुश्किल है। एनआरसी स्टाफ और डॉ। डीएन सिंह मेरे लिए भगवान से कम नहीं हैं।

कंचन, सूरज की मां

कंचन के देख न सकने के कारण मुझे अक्सर सूरज की चिंता होती थी कि उसे कैसे सम्भालेंगे। लेकिन अब सब ठीक हो जाएगा। सभी का शुक्रिया।

कल्लू, कंचन का पति

सूरज की सेहत ठीक नहीं थी, लेकिन उसकी मां का देख न सकना, ज्यादा बड़ी समस्या थी। अब मां ठीक हो गई, तो देखिए बेटे का वजन भी बढ़कर 4 किलो 200 ग्राम हो गया।

डॉ। रोजी जैदी, डायटिशियन, एनआरसी।