मुंबई (एएनआई)। फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने दावा किया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उनकी फिल्म 'इंडिया लॉकडाउन' में 'ए' प्रमाणपत्र के बावजूद 12 कट मांगे हैं। यह फिल्म चार केंद्रीय पात्रों और पहले COVID-19 लॉकडाउन के दौरान उनकी यात्रा के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में अभिनेता श्वेता बसु प्रसाद का ट्रैक यौनकर्मियों के बारे में है और इस चरण के दौरान उनकी दुर्दशा पर प्रकाश डालता है।

किस बात से है आपत्ति
मधुर के मुताबिक सीबीएफसी ने स्पेशल ट्रैक से 12 कट, दो विजुअल और 10 ऑडियो कट मांगे हैं। भंडारकर का कहना है, "ये सभी कट उस ट्रैक से हैं जो कमाठीपुरा में एक सेक्स वर्कर के जीवन पर केंद्रित है। मुझे बताया गया है कि भाषा समस्याग्रस्त है। कहानी को प्रामाणिक रखने के लिए भाषा का इस्तेमाल किया गया है और हम 'ए' प्रमाणपत्र स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। लेकिन इतने सारे शब्दों और महत्वपूर्ण दृश्यों को हटाने से कहानी का प्रभाव और सार कम हो जाएगा। फिल्म में प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए, मुझे इन तत्वों को कहानी के हिस्से के रूप में रखना था। अब हम संशोधित समिति से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं।"

सीन हटाने को कहा गया
सीबीएफसी ने जिस सीन को कट करने के लिए कहा है, उसमें एक यौनकर्मी और उसके मुवक्किल के बीच शारीरिक संबंधों को दर्शाया गया है। जिसे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने सही नहीं माना। बता दें प्रतीक बब्बर और अहाना कुमरा भी इस 'इंडिया लॉकडाउन' फिल्म का हिस्सा हैं।

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