भोपाल (एएनआई)। मध्यप्रदेश सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया है। शिवराज सरकार ने ऐलान किया कि अब यहां सरकारी नाैकरी के लिए लोगों को अलग से परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार एनआरए परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर सरकारी नौकरी देने का फैसला लेने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया। इस फैसले से भर्ती प्रक्रिया में यह एक बहुत बड़ा सुधार माना जा रहा है।

हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र होगा

मुख्यमंत्री का कहना है कि देश के युवा अब एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस जैसी व्यक्तिगत परीक्षाओं के स्थान पर केवल एक परीक्षा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट-जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट में उपस्थित हो सकेंगे। इससे न केवल इस बार उम्मीदवारों को बार-बार देने से बचाया जा सकेगा बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता भी रहेगी। परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी और हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र होगा।

19 अगस्त को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी दी

बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने बीते 19 अगस्त को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी दी है। अब इसके माध्यम से होने वाली परीक्षा के आधार पर ही सरकारी नौकरियां मिलेंगी। इससे देश के करोड़ों युवाओं को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि एनआरए बनने के बाद विभिन्न प्रकार की भर्ती परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी और कीमती समय के साथ-साथ देश के बहुमूल्य संसाधनों की भी बचत होगी।

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