- बाबा की उत्सव डोली प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए हुई रवाना, भक्तों ने किया स्वागत

RUDRAPRAYAG: द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर के कपाट थर्सडे सुबह 11 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई। 22 नवंबर को डोली देव निशानों के साथ राकेश्वरी मंदिर रांसी और 23 नवंबर को गिरिया में प्रवास करेगी। 24 नवंबर को डोली के शीतकाल गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचने पर मध्यमेश्वर मेला आयोजित होगा।

11 बजे कपाट किए गए बंद

कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने 8.30 बजे गर्भगृह के कपाट बंद किए और ठीक 11 बजे मुख्य कपाट बंद किए गए। इसके बाद बाबा की डोली ने अष्ट भैरव सहित अन्य देव निशानों के साथ मंदिर की परिक्रमा की। इससे पूर्व मुख्य पुजारी बाबा के स्वयंभू ¨लग को समाधि दी और भंडार में अपने पूजा पात्र एवं सामग्री का अवलोकन किया। इस मौके पर केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, नायब तहसीलदार एनडी जुयाल, मंदिर सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण, पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, गणेश सेमवाल, मृत्युंजय हीरेमठ, संदीप बेंजवाल, भीष्म नारायण, रविंद्र भट्ट आदि मौजूद रहे। इस बार कुल 6138 यात्रियों ने बाबा मध्यमेश्वर के दर्शन किए।