आस्था जीती, ठंड हारी

- लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया मकर संक्रांति पर संगम स्नान

- गंगा के बहाव और कटान को लेकर सतर्क रहा प्रशासन

- दिनभर नहीं हुए धूप के दर्शन, भरी रही हॉस्पिटल की ओपीडी

<

आस्था जीती, ठंड हारी

- लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया मकर संक्रांति पर संगम स्नान

- गंगा के बहाव और कटान को लेकर सतर्क रहा प्रशासन

- दिनभर नहीं हुए धूप के दर्शन, भरी रही हॉस्पिटल की ओपीडी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मकर संक्रांति पर पुण्य की आस में गंगा में डुबकी लगाने वालों के हौसले कड़ाके की ठंड भी नहीं तोड़ पाई। घने कोहरे के बीच सुबह से ही संगम तट पर स्नान करने वाले पहुंच रहे थे। जैसे-जैसे दिन बीता तो श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई। शाम होते-होते लाखों की संख्या में भक्त संगम में डुबकी लगा चुके थे। इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। इस दौरान गंगा में पानी बढ़ने से हुए कटान से अधिकारियों के होश उड़े रहे। मकर संक्रांति का पुण्य काल बुधवार की मध्यरात्रि से शुरू होने की वजह से स्नानार्थी उम्मीद से काफी कम पहुंचे।

उम्मीद से आधी जनता ने किया स्नान

ठंड के कहर के चलते मकर संक्रांति में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से आधी रह गई। प्रशासन ने इस पर्व पर 50 लाख लोगों के संगम में डुबकी लगाने की संभावना व्यक्त की थी। इसके उलट बुधवार को शाम चार बजे तक 25 लाख लोग डुबकी लगा चुके थे। इसके पहले मॉर्निग में घने कोहरे के चलते संगम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी। लेकिन, धीरे-धीरे भीड़ में इजाफा होने लगा। धूप के दर्शन न होने के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ लोग ठंडे पानी में डुबकी लगा रहे थे। जानकारी के मुताबिक मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी की रात्रि 12.39 बजे से शुरू हो रहा है। ऐसे में गुरुवार को भी भारी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद की जा रही है।

कब कितनों ने किया स्नान

सुबह 12 बजे तक- 15 लाख

दोपहर दो बजे तक- 20 लाख

शाम चार बजे तक- 25 लाख

<मकर संक्रांति पर पुण्य की आस में गंगा में डुबकी लगाने वालों के हौसले कड़ाके की ठंड भी नहीं तोड़ पाई। घने कोहरे के बीच सुबह से ही संगम तट पर स्नान करने वाले पहुंच रहे थे। जैसे-जैसे दिन बीता तो श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई। शाम होते-होते लाखों की संख्या में भक्त संगम में डुबकी लगा चुके थे। इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। इस दौरान गंगा में पानी बढ़ने से हुए कटान से अधिकारियों के होश उड़े रहे। मकर संक्रांति का पुण्य काल बुधवार की मध्यरात्रि से शुरू होने की वजह से स्नानार्थी उम्मीद से काफी कम पहुंचे।

उम्मीद से आधी जनता ने किया स्नान

ठंड के कहर के चलते मकर संक्रांति में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से आधी रह गई। प्रशासन ने इस पर्व पर भ्0 लाख लोगों के संगम में डुबकी लगाने की संभावना व्यक्त की थी। इसके उलट बुधवार को शाम चार बजे तक ख्भ् लाख लोग डुबकी लगा चुके थे। इसके पहले मॉर्निग में घने कोहरे के चलते संगम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी। लेकिन, धीरे-धीरे भीड़ में इजाफा होने लगा। धूप के दर्शन न होने के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ लोग ठंडे पानी में डुबकी लगा रहे थे। जानकारी के मुताबिक मकर संक्रांति का पुण्य काल क्ब् जनवरी की रात्रि क्ख्.फ्9 बजे से शुरू हो रहा है। ऐसे में गुरुवार को भी भारी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद की जा रही है।

कब कितनों ने किया स्नान

सुबह क्ख् बजे तक- क्भ् लाख

दोपहर दो बजे तक- ख्0 लाख

शाम चार बजे तक- ख्भ् लाख

((प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े<प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े)

)

कटान से पैदा हुए खतरनाक हालात

उधर, स्नान से ठीक पहले नरौरा से छोड़े गए पानी से घाटों पर हुए कटान ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए। बुधवार को दिन भर पुलिस और प्रशासन की नजर घाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं पर लगी रही। बार-बार एनाउंस करके उनको डेंजर जोन में जाने से रोका जाता रहा। यही कारण रहा कि स्नान से एक दिन पहले दंडी बाड़ा, गंगोली शिवाला, काली घाट, महावीर मार्ग से अक्षयवट मार्ग तक बने घाट क्षतिग्रस्त हो जाने से भीड़ संगम की ओर डायवर्ट हो गई थी। जिससे वहां पर भीड़ ज्यादा नजर आई। यहां पर भी प्रशासन ने मंगलवार रात बैरिकेडिंग को पानी बढ़ जाने से दो मीटर पीछे कर दिया था।

80 भूले-भटकों को मिलाया

भीड़ कम होने के बावजूद मेले में बिछड़ने वालों की संख्या अच्छी खासी रही। इस तरह दूर-दराज से आए 80 भूले-भटकों को शिविर के माध्यम से मिलाया गया। उनको स्वजनों से मिलाने के लिए मेले में एनाउंसमेंट भी चलता रहा। इस बीच कमिश्नर बीके सिंह, डीएम भवनाथ सिंह, एडीएम सिटी एसके शर्मा, प्रभारी अधिकारी मेला अरुण कुमार सिंह, सहित दूसरे अधिकारी विभिन्न स्नान घाटों का भ्रमण करते रहे।

पहले स्नान फिर लगाया ध्यान

मौसम ने भले ही झटका दिया हो लेकिन माघ मेले की रौनक बरकरार रही। विभिन्न साधु संन्यासियों के शिविरों पर रामकथा पाठ, श्रीमदभागवत गीता पाठ, यज्ञ-हवन आदि जारी रहे। श्रद्धालुओं ने पहले स्नान किया फिर शिविरों में जाकर भगवान की भक्ति में ध्यान लगाया। इस तरह से माघ मेला क्षेत्र पूरी तरह अपने भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर नजर आया। ठंड को देखते हुए प्रशासन ने संगम तट के आसपास अलाव भी जलाए थे।

पहले ही दिन निकली आदेश की हवा

यमुना नदी को स्वच्छ रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश की पहले ही दिन हवा निकल गई। मकर संक्रांति के स्नान के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर श्रद्धालुओं ने जमकर फूलमाला व अन्य पूजन सामग्री प्रवाहित की। बता दें कि ट्रिब्यूनल ने यमुना में पूजन सामग्री प्रवाहित करने पर पांच हजार रुपए जुर्माना वसूले जाने के सख्त आदेश जारी किए हैं।