- गुरुवार को संगम तट पर दस लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

- दोपहर होते-होते छट गई भीड़, साधु-संतों ने भी लगाई डुबकी

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- गुरुवार को संगम तट पर दस लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

- दोपहर होते-होते छट गई भीड़, साधु-संतों ने भी लगाई डुबकी

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मकर संक्रांति पर पुण्य की आस में गुरुवार को भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद सुबह तक बड़ी संख्या में भक्त स्नान कर चुके थे। इसके बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ा, श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। संगम पर पहुंचने वालों में भारी तादाद में बच्चे और महिलाएं भी शामिल रहीं। हालांकि एक बार फिर ठंड ने अपना असर दिखाया और कई लोगों को बीमारी के चलते हॉस्पिटल में दस्तक देनी पड़ी।

भोर में ही उमड़ा भक्तों का रेला

बुधवार रात एक बजकर बीस मिनट पर सूर्य का धुन राशि से मकर राशि में प्रवेश होना था। इसके बाद ही मकर संक्रांति का पुण्य काल लगना था। यही कारण था कि गुरुवार भोर में ही श्रद्धालुओं को रेला उमड़ पड़ा। सुबह दस बजने तक छह लाख लोग स्नान कर चुके थे। घना कोहरा और ताबड़तोड़ गलन भी उनके इरादों पर ग्रहण नहीं लगा सकी। इसके बाद धीरे-धीरे स्नानार्थियों की संख्या कम होती गई। शाम चार बजे तक दस लाख लोग डुबकी लगा चुके थे। ठंड के चलते दिन ढलते-ढलते संगम एरिया में सन्नाटा पसर चुका था।

कब पहुंचे कितने श्रद्धालु

सुबह दस बजे- छह लाख

दोपहर बारह बजे- आठ लाख

दोपहर दो बजे- नौ लाख

शाम चार बजे- दस लाख

साधु-संतों ने किया हर-हर गंगे का उद्घोष

गुरुवार को माघ मेले में आए साधु-संतों ने भी संगम स्नान कर हर-हर गंगे का उद्घोष किया। उदयातिथि पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने संगम के जल से अपने शिविर में स्नान किया तो जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, जगतगुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, देवतीर्थ स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती, महंत माधवदास, महंत रामतीर्थदास, महामंडलेश्वर मनोहरदास, महंत ब्रजभूषणदास, महंत वैष्णव दास, महंत नरेंद्र गिरि, ब्रह्मचारी रामानंद, दंडी संन्यासी जगतगुरु स्वामी महेशाश्रम, स्वामी विमलदेव आश्रम, स्वामी ब्रह्माश्रम सहित प्रमुख संत-महात्माओं ने संगम में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद बादलों के बीच छिपे सूर्यदेव को जलांजलि अर्पित की और तीर्थपुरोहित के निर्देशानुसार यथासंभव दान-पुण्य किया। संगम के अलावा गंगा के रामघाट, काली सड़क, अक्षयवट मार्ग, गंगोली शिवाला स्नानघाट पर खूब डुबकी लगी। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने शिविर में प्रवचन सुनकर अपना समय बिताया। सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र व घाटों पर जगह-जगह पुलिस व पीएसी के साथ जल पुलिस के जवान भी मुस्तैद रहे।

पहले भटके, फिर अपनों से मिले

मेला एरिया में स्नान को आए श्रद्धालुओं के भटकने का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा। क्ब् जनवरी को क्फ्क् भूले-बिछड़ों को तो क्भ् जनवरी को कुल 70 लोगों को अपनों से मिलाया गया। इनमें से तीन बच्चे शामिल रहे। सात लोगों को भूले-भटके शिविर द्वारा घर भिजवाया गया। बता दें कि बाहर से आने वाले लोगों को मेला एरिया में भटकने से बचाने के लिए जगह-जगह खंभों पर लाल, पीले और नीले झंडे लगाए गए हैं और बार-बार एनाउंस भी किया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों के भटकने का सिलसिला जारी है।