- माघी पूर्णिमा स्नान के साथ संगम की रेती पर पूरा हुआ कल्पवास

- माघ के अंतिम स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने उमड़ा जनसैलाब

<- माघी पूर्णिमा स्नान के साथ संगम की रेती पर पूरा हुआ कल्पवास

- माघ के अंतिम स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने उमड़ा जनसैलाब

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: जो सोचा था, वही हुआ। माघी पूर्णिमा के स्नान पर उम्मीद से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर दस्तक दी। इसके चलते पुलिस-प्रशासन को क्राउड कंट्रोल करने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। भोर से शुरू हुआ लोगों के आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। मौसम ने भी भक्तों का साथ दिया। तेज धूप में गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे का उदघोष किया और दान-पुण्य कर आराध्य और पूर्वजों को याद किया। इसके साथ ही पिछले एक माह से कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं ने घर की ओर प्रस्थान किया।

दोपहर दो बजे तक पहुंचे फ्0 लाख

पुलिस और प्रशासन ने माघी पूर्णिमा के स्नान पर फ्भ् लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी, यह आंकड़ा मंगलवार दोपहर तक ध्वस्त हो गया। दोपहर दो बजे तक तीस लाख लोग संगम में डुबकी लगा चुके थे। जैसे-जैसे धूप तेज होती गई, भक्तों के आने का सिलसिला बढ़ता गया। सुबह नौ से क्क् बजे के बीच हालात ज्यादा नाजुक हो गए। घाट से लेकर परेड तक क्राउड मैनेजमेंट पर अधिक फोकस किया गया। पुलिस अधिकारियों और मंत्रियों से जान-पहचान गिनाने के बावजूद किसी को बिना पास घुसने नहीं दिया गया।

पूरा हुआ कल्पवास, चले घर की ओर

पांच जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू हुए एक माह के कल्पवास का सिलसिला माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ खत्म हो गया। श्रद्धालुओं ने स्नान कर सूर्यदेव को जलांजलि देकर स्तुति की, फिर तीर्थपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच यथासंभव दान किया। शाम होते-होते कई सेक्टर पर रह रहे श्रद्धालुओं के तंबू-कनात उखड़ गए। अपने परिजनों के साथ घर को कूच कर गए। माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के साथ संत-महात्माओं ने भी स्नान किया। लाख मना करने के बावजूद नहीं मानने पर पुलिस को फूल-माला बेचने वालों को लाठी भांजकर खदेड़ना ही पड़ा। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की गाडि़यों में धड़ल्ले से सगे-संबंधी संगम स्नान करने पहुंचे। भ्