Maha Shivratri 2020: देवाधिदेव भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए फागुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाने की परंपरा है। इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी को पड़ रही है जो अपने आप में बेहद खास होगी। बता दें कि भगवान शंकर के पूजन के समय करतल नहीं बजाना चाहिये। इसके अलावा शिव की परिक्रमा सम्पूर्ण नहीं की जाती है।जिधर से चढ़ा हुआ जल निकलता है उस नाली का उलंघन नही किया जाना चाहिए।वहाँ से प्रदक्षिणा उल्टी की जाती है। ऐसी कई योग्य बातें हैं, जो पूजा के समय करना या नहीं करना चाहिए। तो आइये, उनपर एक नजर डालें।

Maha Shivratri 2020: रात्रि के इस पहर में पूजा करने से मिलेगा उत्तम फल

शिवपूजन में ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें:-

1.पूजा के समय पूर्व या उत्तर मुख होकर बैठना चाहिए, संकल्प किया जाना चाहिए।

2.भस्म,त्रिपुड़ और रूद्राक्ष माला यह शिवपूजन के लिए विशेष सामग्री है जो पूजन के समय शरीर पर होना चाहिए।

3.भगवान शिव की पूजा में तिल का प्रयोग नहीं होना चाहिये और चम्पा का पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए।

4.शिव की पूजा में दूर्वा,तुलसीदल चढ़ाया जाता है।तुलसी में मंजरियों से पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है।

5.भगवान शंकर के पूजन के समय करतल नहीं बजाना चाहिये।

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6.शिव की परिक्रमा सम्पूर्ण नहीं की जाती है।जिधर से चढ़ा हुआ जल निकलता है उस नाली का उलंघन नही किया जाना चाहिए।वहाँ से प्रदक्षिणा उल्टी की जाती है।

7.शिव की पूजा में केसर,दुपहरिका, मालती,चम्पा,चमेली,कुंद, जूही आदि के पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए।

8. दो शंख,दो चक्रशिला, दो शिवलिंग,दो गणेश मूर्ति,दो सूर्य प्रतिमा,तीन दुर्गा जी की प्रतिमाओं का पूजन एक बार में नहीं करना चाहिए।

9. भगवान शंकर की आधी बार,विष्णु की चार बार, दुर्गा की एक बार, सूर्य की सात बार, गणेश जी की तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए।

10. शिवजी को भांग का भोग अवश्य लगाना चाहिए।