डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Maha Shivratri 2022 Dainik Panchang 1 March : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। 1 मार्च मंगलवार को चतुर्दशी तिथि 25:02:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें। इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है। इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

01 मार्च 2022 दिन- मंगलवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:15:00
सूर्यास्तः- सायः 05:45:00
विशेषः- मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- बसंत ऋतु
मासः- फाल्गुन माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- चतुर्दशी तिथि 25:02:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि
तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।
नक्षत्रः- घनिष्ठा 27:48:00 तक तदोपरान्त शतभिषा
नक्षत्र स्वामीः- घनिष्ठा के स्वामी मंगल जी हैं तथा शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु जी हैं।
योगः- परिघा 11:16:25 तक तदोपरान्त सिद्ध
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 12:33:00 से 02:00:00 तक
दिशाशूलः- आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें।
राहुकालः- राहुकाल 03:27:00 से 04:53:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”