-एमकेपी की पि्रंसिपल और मैनेजमेंट कमेटी के बीच है विवाद

-कई सालों से डीएम के पास है एमकेपी डिग्री कॉलेज मैनेजमेंट की जिम्मेदारी

-प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के बाद थी विवाद खत्म होने की उम्मीद

-प्रिंसिपल ने एक शैक्षिक सत्र के लिए मांगा एक्सटेंशन

DEHRADUN : एमकेपी पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल और मैनेजमेन्ट के बीच पिछले कई सालों से चल रहे विवाद के खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे। कॉलेज प्रिंसिपल ने रिटायरमेंट के निर्धारित म्भ् वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद इस शिक्षण सत्र के लिए एक्सटेंशन मांगा है। इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर ख्0 नवम्बर को सुनवाई होनी है। यदि हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल को एक्सटेंशन दे दिया तो इस विवाद को भी एक साल का एक्सटेंशन मिल जाएगा।

क्या है मामला

एमकेपी कॉलेज का यह विवाद ख्0क्फ् में उस समय शुरू हुआ, जब कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी ने कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। इन्दु सिंह को पद से हटा दिया। इन्दु सिंह ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने कॉलेज का प्रबंधन डीएम को सौंप दिया। हालांकि 8 जनवरी ख्0क्भ् को हाईकोर्ट ने कॉलेज का प्रबंधन कमेटी को सौंपने के आदेश भी दिये। इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर हुई, लेकिन आदेश आज भी प्रभावी हैं, इसके बावजूद कॉलेज का प्रबंधन कमेटी को नहीं सौंपा गया है।

रिटायरमेंट के बाद मांगा एक्सटेंशन

प्रिंसिपल इंदु सिंह का सेवाकाल बीते क्9 अक्टूबर को म्भ् साल की उम्र पूरी होने के बाद खत्म हो चुका है। इससे पहले उन्होंने कॉलेज प्रबंधन का काम देख रहे डीएम को पत्र लिखकर शिक्षण सत्र जारी रहने का हवाला देते हुए फ्0 जून ख्0क्8 तक के लिए एक्सटेंशन मांगा था, लेकिन डीएम ने एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया था। खास बात यह है कि डीएम द्वारा उनका अनुरोध नामंजूर किये जाने से पहले ही वे हाईकोर्ट पहुंच गई। हाईकोर्ट ने अंतिम फैसला होने तक चार्ज हैंडओवर करने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है। इस आदेश के कारण डॉ। इंदु सिंह सेवानिवृत्ति के बावजूद अब भी कॉलेज की प्रिंसिपल है। मामले में सुनवाई ख्0 नवम्बर को होनी है।

नियमावली में रिटायरमेंट की उम्र म्0 वर्ष

एमकेपी कॉलेज की प्रिंसिपल रहते हुए डॉ। इंदु सिंह ने म्भ् वर्ष की उम्र पूरी कर ली है। यह बात अलग है कि यूनिवर्सिटी नियमावली में अब भी प्रिसिंपल की रिटायरमेंट की उम्र म्0 साल ही है। हालांकि विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री काल में कैबिनेट ने प्रिंसिपल की रिटायरमेंट की उम्र म्0 वर्ष से बढ़ाकर म्भ् वर्ष कर दिया था, लेकिन यूनिवर्सिटी नियमावली में आज तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।

कमेटी को नहीं मिल रहा चार्ज

क्0 जुलाई, ख्0क्फ् को राज्य सरकार ने कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी को भंग कर दिया था और यह कहकर चार्ज डीएम को सौंप दिया था कि कमेटी के नये सिरे से चुनाव होने के बाद प्रबंधन वापस कमेटी को सौंपा जाएगा। तब से दो बार मैनेजमेंट कमेटी का चुनाव हो चुका है। हाईकोर्ट चार्ज कमेटी को सौंपने का आदेश दे चुका है। राज्य का न्याय विभाग भी अपनी आख्या दे चुका है कि कॉलेज का मैनेजमेंट कमेटी को सौंपा जा सकता है।

इस पूरे मामले में तत्कालीन सरकार ने द्वेष भावना से काम किया और गैरकानूनी तरीके से कॉलेज की मैनेजमेंट कमेटी को भंग कर दिया। अब हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कॉलेज का मैनेजमेंट कमेटी को न सौंपा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

- जीतेन्द्र नेगी, अवैतनिक सचिव, एमकेपी कॉलेज।