-बहीखाता पूजन शाम 6.59 से 8.46 मिनट तक

-सूर्यास्त के बाद ही होगी महालक्ष्मी की पूजा

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DEHRADUN : शहर में आम लोगों ने दीपावली की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं, लेकिन महालक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम साढ़े पांच बजे से लेकर 8.08 बजे तक बताया है। वहीं बहीखाता पूजन शाम म्.भ्9 से 8.ब्म् तक बताया गया है। जबकि मध्यरात्रि में क्क्.ख्9 से क्ख्.ख्0 बजे तक महा निषीथ काल पूजन का समय बताया गया है। वाणी भूषण पंचाग के मुताबिक शास्त्री प्रेम बल्लभ मैठाणी बताते हैं कि सूर्यास्त के बाद शाम साढ़े बजे से महालक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है, जो शाम 8.08 तक बताया गया है।

इस तरह करें पूजन

शास्त्री मैठाणी कहते हैं कि महालक्ष्मी पूजन के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना के साथ उनकी प्रतिमा के सामने नोटों की माला, फूल माला के साथ चढ़ा सकते हैं, जबकि घर में बनने वाले भोगों को भी मां के दरबार में चढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा तिजोरी में सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलाइची, कमल गट्टा, हल्दी गांठ, चांदी का सिक्का, चावल तिजोरी में रखना चाहिए। मान्यता है कि इसके बाद घर में इस दौरान लक्ष्मी का प्रवास होता है। मां लक्ष्मी की यह पूजन प्रक्रिया सूर्यास्त के बाद ही मानी जाती है। खील-बताशे लक्ष्मी के मंदिर के अलावा पूरे घर में बिखरे होने चाहिए। लक्ष्मी की मूर्ति के सामने क्क् दीप जलाएं तो यही लक्ष्मी की असल पूजा मानी जाती है। घर में मां लक्ष्मी के पांव भी लगाए जाने चाहिए।

ख्ब् को गोव‌र्द्धन व ख्भ् को भय्या दूज

महालक्ष्मी के पूजन के बाद ख्ब् अक्टूबर को गोव‌र्द्धन पूजा होगी। जिसको गौ पूजा भी कहा जाता है। उसके अगले दिन ख्भ् अक्टूबर को भय्या दूज मनाया जाएगा।