कुछ बातों को लेकर असमंजस की स्थिति
राम जन्मभूमि-बाबरी मसजिद मामले को सुलझाने के लिए कल उम्रदराज याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी ने महंत ज्ञानदास से मुलाकात की. बुजुर्ग हाशिम अंसारी ने कहा है कि जो महंत जी कहेंगे, वही होगा. शांति से हल निकल आने में ही भलाई है वरना सुप्रीम कोर्ट में सालों लग जाएंगे. हालांकि अभी महंत ज्ञानदास का कहना है कि इस मामले में जब तक कुछ अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है. कुछ चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी तब भी हम पीएम मोदी से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में विश्व हिंदू परिषद जैसी संस्थाओं के नेताओं को शामिल नहीं किया जायेगा. उन्होंने हाशिम अंसारी के बारे में कहा कि मैं उनसे मिला हूं और हम कोर्ट के बाहर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान अभी भी कुछ बातों को लेकर असमंजस की स्थिति है. इसके साथ ही कहा कि विहिप को इस मामले से अलग करने पर मामला सुलझ सकता है.

परिसर में मंदिर-मसजिद दोनों बनाये जाएंगे
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ही याचिकाकर्ताओं ने इस मुद्दे पर कोर्ट के बाहर इस मामले को सुलझाने की पहल की है. इस विवादित भूमि पर मसजिद और मंदिर दोनों बनाने का प्रस्ताव बना है. हालांकि यह नया फार्मूला 30 सितंबर 2010 को हाइकोर्ट के फैसले से मेल खाता है. जिसमें इस नये फार्मूले के अनुसार 70 एकड़ के परिसर में अब मंदिर-मसजिद दोनों बनाये जाएंगे. दोनों ही हिस्सों में 100 फीट ऊंची दीवार खड़ी करने का फार्मूला है. वहीं, मुसलिम धर्मगुरु खालिद महाली ने भी कहा है कि हम इसे पूरे मामले का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं.

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