वेब सीरीज : महारानी
कलाकार : हुमा कुरैशी, सोहम शाह, विनीत कुमार, अमित सियाल, प्रमोद पाठक
शो क्रियेटर : सुभाष कपूर
निर्देशक : करण शर्मा
ओटीटी : सोनी लिव
रेटिंग : तीन स्टार

क्या है कहानी
कहानी भीमा भारती (सोहम शाह) की है, जो कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उन्हें किसी ने गोली मार दी है और अचानक पूरे मंत्री मंडल में फेरबदल हो जाती है। भीमा अपनी पत्नी रानी भारती (हुमा कुरैशी) को मुख्यमंत्री बना देते हैं। जबकि नवीन कुमार ( अमित सियाल) और गौरी शंकर पांडे (विनीत कुमार ) इस आस में रहते हैं कि सत्ता उन्हें मिलेगी। अब रानी भारती इसमें भीमा की मोहरा बन कर रह जाती हैं या फिर वाकई में वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती हैं। यही पूरे शो की कहानी है। सियासती खेल में कैसे एक महिला का सीएम बनना मर्दों को खलता है, किस तरह एक दूसरे के तार भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। इनमें सरकारी मठाधीश, ढोंगी बाबा, आला अफसर और नेता जुड़े हैं। इन सबकी करतूतों को दिखाया गया है। साथ ही उस दौर में हुए बड़े घोटालों के भी संदर्भ लिए गए हैं।

क्या है अच्छा
इस कहानी को राबड़ी देवी की कहानी के रूप में नहीं, बल्कि इस रूप में देखा जाए कि एक महिला मुख्यमंत्री के शासन काल में क्या क्या होता है, इस लिहाज से देखा जाये तो कहानी दिलचस्प है। महिला सशक्तिकरण की कहानी के लिहाज से अच्छा है। संवाद धाँसू हैं। शो की सबसे बड़ी खूबी है कि हर एपिसोड के क्लाइमेक्स में अच्छे मोड़ पर अंत किया गया है, जिससे अगले एपिसोड की उत्सुकता बनी रहती है।

क्या है बुरा
कुछ एपिसोड लिमिट किये जा सकते थे। लीड किरदार में हुमा कुरैशी नहीं जंची हैं। थोड़ा ग्लोरिफिकेशन है किरदारों का। पोलिटिकल फिल्मों में जिस मिजाज का थ्रिलर होता है, वह फैक्टर मिसिंग है।

अदाकारी
हुमा कुरैशी कुछ दृश्यों में अच्छी लगी हैं। लेकिन शेष दृश्यों में उनकी भूमिका दमदार असर नहीं छोड़ पाती हैं। बिहारी महिला के रूप में उन्हें लहजा पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इस शो में अमित सियाल और विनीत कुमार ने बाजी मारी है। प्रमोद पाठक का भी काम अच्छा है।

वर्डिक्ट
बिहार की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले और पोलिटिकल ड्रामा के फैंस को पसंद आएगी।

Review By: अनु वर्मा

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