मुम्बई (पीटीआई)। 18 नए मंत्रियों में सबसे विवादित चेहरा नवचयनित विधायक संजय राठौर का है, जिन्होनें उद्घव ठाकरे के कार्यकाल में एक साल पहले इस्तीफा दे दिया था क्योंकि कुछ समय पहले पुणे महिला हत्याकाड़ मे उनका नाम सामने आया था। जिस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने बयान दिया, "पुलिस ने कैबिनेट में होने के कारण उन्हें छूट दे दी है।" हलांकि बीजेपी की स्टेट वाइस प्रेसिडेट चित्रा वाघ का कहना है कि महिला हत्या से जुड़े होने के बावजूद उन्हे कैबिनेट में रखना शर्मनाक है। उनके मंत्री बनने के बाद भी लड़ाई जारी रखूगी। क्योकि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हम लड़ेगे भी और जीतेगें भी।

टीईटी परीक्षा की हेराफेरी में आए बच्चों के नाम
नवचयनित विधायक अब्दुल सत्तर भी विवादों से घिरे रहे हैं। उनकी तीन बेटियों तथा बेटे का नाम टीइटी परीक्षा में की हेराफेरी तथा बैन किये गए 7,880 बच्चों की लिस्ट में आया था। इसके बावजूद सत्तर एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ले चुके है। एक और नवचयनित विधायक बीजेपी नेता विजय कुमार गवित पर भी पाँच साल तक घपलेबाजी का केस चल चुका है, जिसमें वह दोषी करार किए गए थे।

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