पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य) Maha Shivratri 2022 Puja Muhurat : महाशिवरात्रि व्रत निशीथ व्यापिनी फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यदि दो दिन निशीथ व्यापिनी हो या दोनों ही दिन न हो तो पर्व दूसरे दिन मनाया जाता है। यदि चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथ के एक भाग को और पहले दिन सम्पूर्ण भाग को व्याप्त करे तो यह पर्व पहले ही दिन मनाया जाता है। इस बार यह पर्व दिनांक 01 मार्च 2022,मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन चतुर्दशी तिथि सूर्योदय से पूरे दिन रहेगी,धनिष्ठा नक्षत्र भी पूरे दिन रहेगा ,बेहद शुभ 'शिव योग' पूर्वहन्न 11:16 बज़े के बाद लगेगा ,इस दिन अपराह्न 4:31 बजे से पंचक प्रारम्भ होगी।भद्रा अपराह्न 2:00बज़े तक रहेगी। बुध ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र में रात्रि 8:28 बजे तक रहेगा,शिवरात्रि का भोग व मोक्ष को प्राप्त कराने वाले दस मुख्य व्रतों जिन्हें( 10 शैव व्रत) भी कहा जाता है, में सर्वोपरि है।

महाशिवरात्रि पर बेहद खास शुभ 'शिव योग'
इस बार बन रहा खास शुभ 'परिधि योग' पूर्वहन्न 11:16 बज़े तक तदोपरान्त बेहद खास शुभ 'शिव योग' इस अतिशुभ योग में करें 'शिवार्चन पाएं महादेव की साक्षात् कृपा
महानिशीथ काल(घंटा 24/17 से 24/38 तक )
महाशिवरात्रि व्रत का पारण(02 मार्च 2022) बुधवार को प्रातः काल।
इस महाशिवरात्रि के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में करें कालसर्प दोष निवारण/शांति क्योंकि इस दिन गोचर में भी बन रहा है 'काल सर्प योग'।
-धनिष्ठा नक्षत्र के निम्न शुभ/चौघड़िया समय में करें काल सर्पदोष शान्ति

निम्न शुभ चौघड़िया मुहूर्त
1.चर,लाभ,अमृत का चौघड़िया:- प्रातः 9:36 से अपराह्न 1:58 बजे तक।
2.शुभ का चौघड़िया:-अपराह्न 01:24 बजे से अपराह्न 4:40बजे तक।प्रथम पहर की पूजा:- सांय 6:16 बजे
निम्न शुभ समय में व्रत पूर्ण कर, करें चारप्रहर की पूजा --
प्रथम प्रहर की पूजा:- सांय काल/प्रदोष काल 6:08 बज़े
दूसरे प्रहर की पूजा:- रात्रि 09:24 बजे
तीसरे प्रहर की पूजा:- रात्रि 12:33 बजे (दिनांक 02 मार्च 2022,बुधवार)
चतुर्थ प्रहर की पूजा:- प्रातः काल 3:41 बजे (दिनांक 02 मार्च 2022,बुधवार)

महाशिवरात्रि पर नवग्रहों को करें शांत
1. चंद्र:- शिवलिंग पर दूध में काले तिल मिलाकर स्नान कराएं।
2. सूर्य:- आक पुष्प एवं विल्बपत्र से पूजा करें।
3 .मंगल:- गिलोय बूटी के रसे अभिषेक करें।
4 .बुध:- विधारा जड़ी के रस से अभिषेक करें।
5. गुरु:-दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें।
6. शुक्र:- पंचामृत शहद व घी से अभिषेक करें।
7. शनि:- गन्ने के रस व छाछ से स्नान कराएं।

Maha Shivratri 2022 : महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं? जानें इससे जुड़ी खास बातें