कानपुर। Mahatma Gandhi death Anniversary ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के अगुआ रहे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने 30 जनवरी 1948 को अंतिम सांस ली थी। ऐसे में आज देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज पुण्य तिथि मनाई जा रही है। इस अवसर पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद करते हुए महात्मा गांधी को श्रद्धाजंलि दी। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि महात्मा गांधी को श्रद्धाजंलि, गांधी जी ने अपने अंतिम बलिदान में हमारे लिए एक निरंतर अनुस्मारक छोड़ा, बिना शर्त प्यार, विशेष रूप से दूसरों के लिए। मुझे विश्वास है, हममें से अधिक से अधिक लोग गांधीजी के सच्चे संदेश की खोज करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए गांधी जी को याद किया
इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए गांधी जी को याद किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। पूज्य बापू के व्यक्तित्व, विचार और आदर्श हमें सशक्त, सक्षम और समृद्ध न्यू इंडिया के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करम चंद्र गांधी था। इन्हें बापू जी के नाम से भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्में महात्मा गांधी की माता का नाम पुतलीबाई व पिता का करमचन्द गांधी था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। पूज्य बापू के व्यक्तित्व, विचार और आदर्श हमें सशक्त, सक्षम और समृद्ध न्यू इंडिया के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 30, 2020
देश आजाद होने के कुछ दिनों बाद हो गई थी गांधी जी की हत्या
1881 राजकोट हाईस्कूल में पढाई करने वाले गांधी जी का विवाह दो साल बाद ही कस्तूरबाई से हो गया था। 13 साल की उम्र में शादी होने के बाद भी गांधी ने अपनी पढ़ाई को गम्भीरता से लिया। वह पढाई के लिए इंग्लैंड तक गए थे। आजीवन देश की आजादी के लिए लड़ने वाले महात्मा गांधी जी की देश आजाद होने के कुछ दिनों बाद ही हत्या कर दी गई थी। 30 जनवरी 1948 की शाम एक कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादी समर्थक नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी पर गोलियां बरसा दी थीं। इसके बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
गांधी जी ने दुनिया को आजादी का मतलब भी समझाया था
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट द गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हत्या वाले दिन महात्मा गांधी जी नई दिल्ली के बिड़ला हाउस के लॉन में प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उस समय ही गोडसे ने उन्हें टारगेट किया था। महात्मा गांधी जी को राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हुई। इन्होंने अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए बड़े कदम उठाए और दुनिया को आजादी का मतलब भी समझाया था। साबरमती आश्रम से जुड़े रहने की वजह से इन्हें 'साबरमती का संत' की उपाधि भी मिली थी।
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