जैन धर्म के 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी की 2651वें जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा

भगवान महावीर के रजत विग्रह का 108 रजत कलशों से किया गया पंचाभिषेक

VARANASI

मानवता को जियो और जीने दो व अहिंसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के ख्ब्वें तीर्थकर महावीर स्वामी की ख्म्भ्क् वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। चांदी के रथ पर विराजमान भगवान महावीर की शोभायात्रा मैदागिन से शुरू होकर बुलानाला, आसभैरव, चौक, ठठेरी बाजार, होती हुई सोराकुआं पहुंची। शोभायात्रा में शामिल लोग 'धन-धन चैत की तेरस रामा, भये महावीरा' जैसे भजन गाते चल रहे थे। आराध्य देव के रथ को श्रद्धालुओं ने खींच उनके प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित की। शोभायात्रा में सबसे आगे ध्वजा और बैनर था जिस पर अहिंसा परमो धर्म: का संदेश लिखा हुआ था। दर्जनों की संख्या में शामिल बैंड पार्टी वाले भजनों की प्रस्तुति से माहौल में भक्ति का रस घोल रहे थे। भक्ति में लीन समाज की महिलाओं ने नृत्य प्रस्तुत कर आराध्य के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। केसरिया दुपट्टा ओढ़े पुरुष भगवान महावीर के संदेशों का गान करते हुए चलते रहे थे। सामाजिक संस्थाओं की ओर से जगह जगह शोभायात्रा का स्वागत किया। सोराकुआं से भगवान के विग्रह को ग्वालदास साहू लेन स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में ले जाया गया। जहां जन्मोत्सव की खुशियां पारंपरिक रूप से मनायी गयीं। शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच घंटा घडि़याल, ढोल मंजीरे के स्वरों के बीच विग्रह को रजत पाण्डुक शिला पर विराजमान कर क्08 रजत कलशों से पंचाभिषेक एवं विशेष पूजन किया गया। नरिया स्थित जैन मंदिर में भी भगवान महावीर का भव्य अभिषेक किया गया। शाम को जैन पंचायती मंदिर ग्वालदास साहू लेन में झूलनोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शोभायात्रा में जयकृष्ण जैन, दीपक जैन, अरुण जैन, राजेश जैन, विनोद जैन, अनिल प्रसाद जैन, रत्नेश जैन, डॉ अशोक जैन, आलोक जैन आदि भक्त शामिल थे।