कानपुर। Mahavir Jayanti 2020: वर्धमान या महावीर स्वामी का जन्मदिन महावीर जयन्ती के रुप मे सेलिब्रेट किया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार महावीर जयंती सोमवार 6 अप्रैल 2020, को मनाई जाएगी। मान्यता है कि महावीर जी जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान श्री आदिनाथ की परंपरा में चौबीस वें तीर्थंकर का स्वरूप थे। महावीर स्वामी जी ने जैन धर्म की पुन: प्रतिष्ठा की, इन्हें वर्धमान के अलावा और भी कई नामों से संबोधित किया जाता है जैसे अर्हत, जिन, निर्ग्रथ, और अतिवीर आदि।

कव होती है महावीर जयंती

चौबीस तीर्थंकरों में अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्मदिवस हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार ये तिथि रविवार 5 अप्रैल को शाम 7:24 बजे से आरंभ हो कर सोमवार 6 अप्रैल को अपराहन 3:51 बजे तक रहेगी। इस प्रकार सूर्योदय के अनुसार महावीर जयंती 6 अप्रैल को मानी जायेगी। इस दिन जैन धर्म के मानने वाले भव्य उत्सव का आयोजन करते हैं। हांलाकि इस बार लॉकडाउन के कारण इसके उत्साह में कुध कमी महसूस की जायेगी।

धूमधाम से मनाते हैं उत्सव

महावीर जयंती पर जैन मतावलंबी मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्ति को विशेष स्नान करा कर अभिषेक करते हैं। इसके बाद भगवान की मूर्ति को सिंहासन या रथ पर बिठा कर उविशाल जुलूस निकलते हैं, जिसमें सभी उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं।इस दिन भक्त महावीर जी को फल, चावल, जल, सुगन्धित द्रव्य आदि वस्तुएं अर्पित करते। कई स्थानों पर इस अवसर पर प्रभात फेरी भी निकाली जाती है। जुलूस के साथ पालकी यात्रा का आयोजन होता है जैन मंदिरों में शिखर पर ध्वजा चढ़ाई जाती है। जैन समाज दिन भर अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इस बार ये सारे आयोजन होना तो संभव नहीं लगता पर लोग अपने अपने घरों पर महावीर स्वामी को स्मरण कर पूजन कर सकते हैं।

महावीर स्वामी की प्रमुख शिक्षाएं

महावीर स्वामी ने अपने उपदेशों में मुख्य रूप से कहा है कि सत्य का पालन करें, अहिंसा को पर चलें, और मानव मात्र के साथ सदव्यवहार करें। साथ ही उन्होंने पांच महाव्रत, पांच अणुव्रत, पांच समिति, और छ: आवश्यक नियमों का ज्ञान दिया यही जैन धर्म के प्रमुख आधार माने जाते हैं।

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