नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के बजट के बाद के वेबिनार में 'रक्षा में आत्मानिभरता - कॉल टू एक्शन' पर भाषण दिया। इस दाैरान देश के रक्षा क्षेत्र की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि 10 देशों के पास एक ही प्रकार के रक्षा उपकरण हैं, तो उन देशों के रक्षा बल में कोई विशिष्टता नहीं होगी। यह विशिष्टता और आश्चर्य तत्व तभी संभव है जब उपकरण अपने ही देश में विकसित हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा का मुख्य सिद्धांत यह है कि किसी की अपनी अनुकूलित और अनूठी प्रणाली होनी चाहिए। गुलामी के कालखंड में भी और आजादी के तुरंत बाद भी हमारी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग की ताकत बहुत ज्यादा थी। दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

रक्षा उपकरणों से संबंधित खरीद प्रक्रिया विभिन्न चरणों में

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का एक खाका है। यह बजट अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का एक खाका है। रक्षा आवंटन का लगभग 70 प्रतिशत सिर्फ घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है। अब तक रक्षा मंत्रालय ने 200 से अधिक डिफेंस प्लेटफार्मों और उपकरणों की स्वदेशीकरण सूची जारी की है। 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उपकरणों से संबंधित खरीद प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।

लगभग 54,000 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर हुए हैं

पीएम माेदी ने कहा कि इस सूची की घोषणा के बाद घरेलू खरीद के लिए लगभग 54,000 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि रक्षा मंत्रालय से संबंधित केंद्रीय बजट 2022-23 ने रक्षा में आत्मानिभर्ता को और गति दी है। वहीं रक्षा मंत्रालय ने बजट के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में की गई घोषणाओं पर 'रक्षा में आत्मानिभर्ता - कॉल टू एक्शन' शीर्षक से एक बजट के बाद वेबिनार का आयोजन किया है। इस वेबिनार का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में सरकार की विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाने में सभी हितधारकों को शामिल करना है।

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