Makar Sankranti 2020: मकर में प्रवेश करते ही मोहन भास्कर सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। अतः उपासना और मौसम में खास बदलाव होगा। इस कारण देश में अध्यात्म खगोल विज्ञान और ज्योतिष की दृष्टि में अत्यंत महत्वपूर्ण कालखंड होगा। सूर्य के उत्तरायण में मृत्यु होने पर मोक्ष मिलता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने सरसैया पर लेट कर उत्तरायण सूर्य की प्रतीक्षा की थी और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को प्राण त्यागे थे। उनका श्राद्ध सूर्य की उत्तरायण स्थिति में ही होता है। यह दिन गंगा के "आगमन की शुरुआत के रूप में भी माना जाता है।

इस दिन दान और खानेे में खिचड़ी, नमक, घी व तिल का अधिक महत्व है

खिचड़ी के त्योहार पर दान और सेहत का अत्यंत महत्व है। मकर संक्रांति दान का ही पर्व है। खिचड़ी के जरिए सामाजिक समरसता का संदेश होता है और दान करने से संपन्नता आती है। खिचड़ी पर गुड़ के लड्डू, नमक, घी और तिल का अत्याधिक महत्व है। ऐसी मानता है कि मौसम के बदलाव में तिल और गुड़ फायदेमंद होता है। सेहत के लिहाज से भी यहीं पर वह खास महत्व रखता है।घड़ियाल मकर राशि का प्रतीक है। मनुष्य उससे सीख ले करके विपरीत परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करें।

जानें राशियों के अनुसार क्या करें मकर संक्रांति में

मेष राशि वाले शिव जी के दर्शन करें, वृष राशि वाले गंगा स्नान जरूर करें, मिथुन राशि वाले चावल का दान अवश्य करें, कर्क राशि वाले काले तिल के लड्डू का दान करें, सिंह राशि वाले मूंगफली के दाने दान करें, कन्या राशि के जातक उड़द का दान करें, तुला राशि वाले तिल और उड़द का दान करें, वृश्चिक राशि के जातक दान अवश्‍य करें, धनु राशि आप कपड़े का दान करें, मकर राशि मौसम जनित फलों का दान करें, कुंभ राशि ऊनी कपड़े का दान करें, मीन राशि का गुड़ का दान करें

- ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पांडेय