कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस वजह से इसे मंकर संक्रांति पर्व कहा जाता है। मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित दीपक पांडे के मुताबिक सभी सनातन धर्म ग्रंथ मकर संक्रांति को पवित्र और मोक्ष कारी मानते हैं। इसी मान्यता के चलते मकर संक्रांति के दिन लोग गंगा स्नान करते हैं। इसके अलावा दान आदि भी करते हैं। वहीं मकर संक्रांति सूर्य उपासना का एक महत्वपूर्ण दिन माना गया है। शास्त्रों में सूर्य के चरणों की पूजा को निषेध माना गया है। वहीं सूर्य को नमस्कार अत्यंत प्रिय है इसलिए पूजा अर्चना करके नमस्कार करना चाहिए। सूर्य पूजा से ग्रह देवता जल देवता वायु देवता प्रसन्न होते हैं।

खिचड़ी खाने से पहले गाय को खिचड़ी जरूर खिलाएं
वहीं मकर संक्रांति के दिन मूंग की दाल की खिचड़ी खानी चाहिए। हालांकि खिचड़ी खाने से पहले गाय को खिचड़ी जरूर खिलाएं। इस दाैरान गाय के मुख में लग गए चावल के दाने को घर लेकर आएं इससे धन-धान्य की वृद्धि होगी। मकर सक्रांति के दिन लोग गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, शिप्रा या नर्मदा नदियों में स्नान के साथ ही विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं। पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों को जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के दुष्चक्र से मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है। मकर संक्रांति को पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। यूपी में इसे मंकर संक्रांति के अलावा खिचड़ी पर्व भी कहते हैं।

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