-पीएमसीएच में बे्रस्ट फीडिंग पर किया गया अवेयरनेस प्रोग्राम

-ब्रेस्टफीडिंग के लिए वर्किंग वुमन को सुविधा देने पर दिया जोर

PATNA : ब्रेस्टफीडिंग न केवल नवजात बच्चों के लिए बल्कि मां के लिए भी जरूरी है, लेकिन वर्किंग वुमन आखिर कैसे रेग्यूलर ब्रेस्टफीडिंग करे। इसे लेकर जब तक एक स्पष्ट नीति नहीं होगी तब तक प्राब्लम दूर नहीं होगी। इसी मुद्दे पर पीएमसीएच में ब्रेस्ट फीडिंग पर एक अवेयरनेस प्रोग्राम आर्गनाइज किया गया। पीएसएम डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित इस प्रोग्राम में डिपार्टमेंट हेड डॉ रश्मि सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने ब्रेस्ट फीडिंग के लिए छह माह का अवकाश देने की बात कही है, लेकिन इसके साथ अन्य कई बातें हैं जो जरूरी है। हमलोग मांग करते हैं कि कारपोरेट सेक्टर में काम करने वाली वर्किग वुमन को बे्रस्टफीडिंग के लिए अलग से स्पेश दिया जाए।

शहरी क्षेत्र में कम है ब्रेस्टफीडिंग

अवेयरनेस प्रोग्राम के दौरान चिंता व्यक्त की गई कि शहरी क्षेत्र में ब्रेस्टफीडिंग कम है ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में। डॉ रश्मि ने कहा कि जन्म के पहले घंटे में ही मां का पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे को देना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है। इससे बच्चे को रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है। ऐसा पाया भी गया है कि जो महिलाएं नियमित ब्रेस्टफीडिंग करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर के डेवलप होने की संभावना भी कम होती है। इससे कोई भी बुरा असर मां के शरीर पर नहीं पड़ता। वर्किंग वुमन में ब्रेस्टफीडिंग को प्रमोट करने के लिए इंस्टीट्यूशनल लेबल पर भी प्रयास होना चाहिए। इसके लिए ऐसी महिलाओं को अलग से एक स्पेश उपलब्ध कराने की जरूरत है। खास तौर पर बिहार में इसकी बहुत जरूरत है।