डोमेन नेम रजिस्टर्ड:

आजकल हर छोटी-बड़ी कंपनी की एक वेबसाइट होती है। जिस पर अपनी कंपनी से जुड़ी हर बात शेयर करती है। जिससे लोगों को उससे जुड़ी हर एक जानकारी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में आपको भी सबसे पहले अपना एक डोमेन नेम रजिस्टर्ड कराना होगा। इससे यह फायदा होता है कि आपके इस नाम का कोई दूसरा इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसे रजिस्टर कराने में महज 99 रुपये खर्च करने होते हैं।

कंपनी संपर्क करती:

अधिकांश कंपनियां अपने लिए बेवसाइट सर्च करती हैं। अगर उन्हें कोई भी ऐसी वेबसाइट इंटरनेट पर मिलती है जिससे उन्हें लगता है कि वह उसे अपनी कंपनी या प्रोडक्ट के हिसाब से इस्तेमाल कर सकती है तो वह उस डोमेन नेम को रजिस्ट्रेशन कराने वाले से बात करती हैं। इसके लिए वह उसे बड़ी कीमत ऑफर करती है। कई बार डोमेन नेम वाले अपने मनमुताबिक कीमत भी मांग लेते हैं।

अक्षित से कांटैक्ट किया:

नोएडा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाला अक्षित मित्तल इसका उदाहरण है। 13 साल के अक्षित ने डोमेन नेम ऑड इवन डॉट कॉम से अपनी वेबसाइट शुरू की थी। ऐसे में एक टैक्सी कंपनी को यह वेबसाइट पसंद आई और उसने इसे खरीदने के लिए अक्षित से संपर्क किया। इसके बाद टैक्सी कंपनी ने 30 लाख रुपये में वह वेबसाइट अक्षित से खरीद ली। आज अक्षित जैसे कई बड़े उदाहरण हमारे आस-पास मौजूद हैं।

हाउसिंग डॉट कॉम:

हाउसिंग डॉट कॉम का डोमेन मामला भी इसी से मिलता जुलता है। कुछ साल पहले एक आईआईटियंस ग्रुप ने रियल एस्टेट का सर्च पोर्टल स्टार्ट करने का प्लान किया है। उन्होंने हाउसिंग डॉट कॉम नाम से इसकी शुरुआत की। ऐसे में जब बाद में उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि यह तो आलरेडी उपलब्ध है। इसके बाद उन लोगों ने यह डोमेन नेम करीब 3 करोड़ 36 लाख रुपये में खरीदा था।

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