जस्टिस शशिकान्त ने एक साल के भीतर 66 फैसले हिंदी में दिये

अदालतों की कार्रवाई हिंदी में करने की पहल का असर इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी दिखने लगा है। यहां तैनात कुछ जस्टिस अब हिंदी में भी फैसले देने लगे हैं। इसमें सबसे ऊपर है जस्टिस शशिकांत का नाम। उन्होंने पिछले एक साल के दौरान कुल 66 फैसले हिंदी में दिये हैं। इसके बाद जस्टिस अशोक कुमार का नाम आता है। उन्होंने भी करीब पौने दो साल में करीब 50 फैसले हिंदी में दिये हैं।

एक महीने में पांच फैसले

हाईकोर्ट में हिन्दी को बढ़ावा देने के पीछे जस्टिस की मंशा अंग्रेजी का कम ज्ञान रखने वालों को अपनी भाषा में फैसले को बेहतर समझने का अवसर देना है। 14 सितम्बर हिन्दी दिवस के अवसर पर हाईकोर्ट में हिन्दी पखवाड़ा मनाया जायेगा और हिन्दी को प्रोत्साहन देने की बात होगी किन्तु हिन्दी को वास्तविक कार्य संस्कृति में उतारने की ठोस पहल नहीं होगी। इसके बावजूद जस्टिस शशिकांत ने महीने में पांच फैसले देकर एक संदेश देने की कोशिश की है। अपनी भाषा में कोर्ट के फैसले व आदेश वादकारी को न्यायिक भाषा समझने की दिशा में सही कदम है।

जस्टिस शशिकांत के 66 फैसले

13

धारा 482 पर

33

जमानत अर्जी पर

11

द्वितीय अपील पर

06

दाण्डिक अपील पर

06

पुनरीक्षण याचिका पर