मलेरिया के केस

महीने : छह

बुखार : 31999

मलेरिया की पुष्टि : 25520

198 लोग पिछले साल मारे गए थे मलेरिया से

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- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पूरे जिले से अगस्त में सबसे ज्यादा करीब 20 हजार केस मलेरिया के आए

- दो वार्डो में बेड पड़ गए कम, एक बेड पर दो-दो पेशेंट्स एडमिट करना मजबूरी, फीमेल हॉस्पिटल में खुलेगा नया वार्ड

बरेली : मलेरिया के मच्छर का डंक एक बार फिर सरकारी सिस्टम पर भारी पड़ रहा है। अकेलेअगस्त में सिटी में 12 हजार केस बुखार के सामने आए। इनमें से 7056 पेशेंट्स में मलेरिया की पुष्टि हुई है। जबकि पूरे डिस्ट्रिक्ट में इसी पीरियड में 19 हजार 9 सौ 95 केस बुखार के दर्ज किए गए। इनमें से 3 हजार 6 सौ 11 केस मलेरिया के थे। ऐसे में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पीएफ और पीवी मलेरिया से पीडि़त पेशेंट्स के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने से एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने फीमेल हॉस्पिटल के ओल्ड मेटरनिटी वार्ड को मलेरिया वार्ड बनाने को कहा है।

बेड कम, पेशेंट ज्यादा

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के हार्ट वार्ड और एडल्ट वार्ड को मलेरिया वार्ड बनाया गया है। हार्ट वार्ड के 14 बेड्स पर पीएफ मलेरिया से पीडि़त 19 पेशेंट भर्ती हैं। जबकि एडल्ट वार्ड के 10 बेड्स पर पीवी के सात मरीज भर्ती हैं।

मंडे से शिफ्ट होंगे पेशेंट

वार्ड की सहमति मिलने के बाद फीमेल हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने ओल्ड मेटरनिटी वार्ड की सफाई, लाइट और पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराने के आदेश दे दिए हैं। मंडे तक सभी काम पूरे होने के बाद पेशेंट्स को एडमिट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

वर्जन

संदिग्ध बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अगस्त में अब तक सबसे ज्यादा 19 हजार 9 सौ 95 केस मलेरिया के आए हैं। ऐसे में मजबूरन एक बेड पर दो मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। लेकिन महिला हॉस्पिटल में वार्ड मिल गया है। मंडे से मरीज भर्ती किए जाएंगे।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ।