- सीएमओ ने सीएचसी मझगवां और गैनी न्यू पीएचसी का निरीक्षण

-920 मरीज वाईवेक्स और 483 मरीज खतरनाक पीएफ के निकले

<द्गठ्ठद्द>क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ <द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> :

डिस्ट्रिक्ट में बुखार से मौत में कमी आई है, लेकिन अब खतरनाक प्लाज्मोडियम फॉल्सीपेरम यानि पीएफ का अभी भी कम नहीं हुआ है। ट्यूजडे को भी जिले में करीब पांच सौ मरीज मलेरिया के मिले। वही, भमोरा में फॉल्सीपेरम के एक मरीज को इलाज दिए बिना डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेज दिया गया।

11 गांव में हुई फॉगिंग

भमोरा निवासी 35 वर्षीय मिथलेश कुमारी को बुखार होने पर भमोरा स्थित स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराई गई। जांच में प्लाज्मोडियम फॉल्सीपेरम निकला। आरोप है कि सीएचसी में महिला को इलाज दिए बिना 108 एंबुलेंस से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेज दिया। यहां आकर उसने मामले की शिकायत अधिकारियों से की। उसे हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया है। वहीं विभाग की 89 टीमों ने 102 गांवों में पहुंचकर कैंप लगाए। मरीजों की जांच की और उनका उपचार किया। करीब साढ़े सात हजार रोगियों का कार्ड टेस्ट किया गया। इसमें 920 मरीज वाईवेक्स और 483 मरीज खतरनाक फॉल्सीपेरम के निकले। उनका इलाज शुरू कर दिया गया। करीब 11 गांवों में फॉगिंग और 107 गांवों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया गया।

सीएमओ भी पहुंचे गांव

सीएमओ डॉ। विनीत शुक्ल ने सीएचसी केंद्र मझगवां और न्यू पीएचसी गैनी का निरीक्षण किया। वहां मरीजों के आने की जानकारी रजिस्टर से चेक की। दवाओं का स्टॉक देखा और डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को गंभीरता से काम करने के निर्देश भी दिए।