मलेशियाई सरकार हुई सचेत

तमिल विद्रोहियों का नेस्तनाबूद हो चुका आतंकी संगठन लिट्टे फिर सर उठाने के प्रयास में है. मलेशियाई प्रशासन को संदेह है कि विद्रोही इस बार मलेशिया को अपना केंद्र बना सकते हैं. मलेशिया में पिछले दो महीनों में सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, गुरुवार को यहां चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से एक पर संदेह है कि वह 1999 में तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा की हत्या में शामिल रहा है. इससे पहले 15 मई को भी तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का मानना है कि लिट्टे के आतंकी मलेशिया की जमीन का इस्तेमाल करते हुए खुद को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं.

चारों संदिग्ध लिट्टे के सदस्य

पुलिस ने गिरफ्तार किए चारों संदिग्धों का नाम जाहिर नहीं किया है लेकिन इस बात को सुनिश्चित किया है कि इनमें एक बम विशेषज्ञ है जबकि एक 1999 में कुमारतुंगा की हत्या में शामिल रहा था. पुलिस महानिरीक्षक खालिद अबु बकर ने कहा कि इन चारों पर संदेह है कि ये लिट्टे को पुन: खड़ा करने का प्रयास कर रहे थे. ये चारों 1990 से लिट्टे के सदस्य हैं. 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा लिट्टे के करीब तीन दशक के साम्राज्य के खात्मे के बाद से ये सभी मलेशिया में रह रहे थे. खालिद ने बताया कि इनके पास से बरामद सामान में कई फर्जी मलेशियाई पासपोर्ट तथा इमीग्रेशन विभाग और विदेशी दूतावासों के जाली स्टाम्प पाए गए हैं.

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