- जमीन के एग्रीमेंट के लिए मनबढ़ों ने युवक को घर से उठाया

-एसएसपी ऑफिस के सामने वाहन में चार घंटे तक बंधक बनाया

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GORAKHPUR:

शहर में अपराध से भय और दहशत का माहौल पहले ही काफी ज्यादा है। शुक्रवार को इसमें और भी इजाफा हो गया, जब दबंगों ने खुद को एसओजी टीम बताते हुए युवक का अपहरण कर लिया। भूमि के एग्रीमेंट के लिए एसएसपी ऑफिस के सामने चार घंटे तक उसे कार में बंधक बनाकर रखा। युवक का मोबाइल ऑफ होने पर परिजनों ने तलाश शुरू की तो मामले का खुलासा हुआ। आरोपियों ने कचहरी में युवक की पिटाई की। पुलिस के पहुंचने के पहले फरार हो गए। पीडि़त से तहरीर लेकर कैंट पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इंस्पेक्टर कैंट ने बताया कि तहरीर के अनुसार केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

घर से अपहरण करके ले गए बदमाश

पिपराइच एरिया के जंगल छत्रधारी निवासी जलेसर के बेटे दिलीप और सिकंदर मार्बल लगाने का काम करते हैं। 15 दिन पूर्व दिलीप ने अपने गांव के राम अवतार से साढ़े छह डिस्मिल भूमि का बैनामा कराया है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे वह घर पर था। तभी लग्जरी कार सवार छह लोग पहुंचे। उनमें से दो युवकों को वह पहचान रहा था। चार अन्य ने खुद को एसओजी टीम का सदस्य बताते हुए पूछताछ के बहाने कार में बैठा लिया। गांव से लेकर उसे भट्ठा चौराहे पर पहुंचे। मोबाइल छीनकर उसे एक प्रापर्टी डीलर के ऑफिस में ले गए। दिलीप को पीटकर भूमि की जानकारी ली। फिर उसे गाड़ी में बिठाकर कचहरी पहुंचे।

चार घंटे कार में बनाया बंधक

कलेक्ट्रेट कैंपस स्थित शहीद पार्क में बनी पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी। दो युवक उतरकर कचहरी में चले गए। चार अन्य उसे करीब चार घंटे तक बंधक बनाकर बैठे रहे। उधर, एसओजी की कार्रवाई की सूचना से दिलीप के परिवार के लोग सकते में आ गए। दोपहर में उसका भाई सिकंदर घर पहुंचा। उसने दिलीप का मोबाइल मिलाया तो वह स्वीच ऑफ बताने लगा। भाई की गिरफ्तारी की पुष्टि के लिए सिकंदर ने पिपराइच थाना पर फोन किया। कोई सुराग न मिलने पर सौ नंबर पर सूचना दी।

पुलिस ऑफिस में भागकर बचाई जान

इसके बाद भाई की तलाश में कचहरी पहुंचा। पार्किंग में अपने गांव के एक व्यक्ति की कार देखकर माजरा समझ में आ गया। तेजी से वह रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचा। वहां उसके भाई को घेरकर चार-पांच लोग खड़े थे। सिकंदर ने भाई से बात करनी चाही तो वहां हंगामा हो गया। ऑफिस में मौजूद सुरक्षा गार्ड ने सबको रजिस्ट्री कार्यालय से बाहर कर दिया। भवन से निकलते ही आरोपियों ने दिलीप की पिटाई शुरू कर दी। अधिवक्ताओं और अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया तो दोनों भाई भागकर पुलिस आफिस में पहुंच गए। मामले की जानकारी पाकर पुलिस पहुंचती। इसके पहले आरोपी फरार हो गए। दिलीप ने पुलिस को बताया कि चार अन्य को वह नहीं पहचान सका। दो लोगों की पहचान होने पर पुलिस उनकी तलाश में जुट गई। बाद में पता लगा कि अजीत सिंह के नाम से डीड होने वाली थी। मामला संज्ञान आने पर डीआईजी स्टांप ने संबंधित पक्षों की रजिस्ट्री और एग्रीमेंट पर रोक लगा दी। सब रजिस्टार को निर्देशित किया कि बिना उनको सूचना दिए कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

वर्जन अपडेट होगा

इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। दिलीप की तहरीर के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। युवक को बंधक बनाने, कचहरी में पीटने की बात सामने आई है।

ओमहरि बाजपेयी, एसएचओ कैंट

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तो क्या सो रही है एंटी-भू माफिया स्क्वॉयड?

भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई बेअसर

जिले में भू माफियाओं द्वारा सरकारी और प्राइवेट प्रापर्टी पर अवैध कब्जा करने की शिकायतें आम बात हो गई है। भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार ने प्रभावी कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके लिए एंटी भू माफिया पोर्टल बना दिया गया है जिस पर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। बावजूद इसके आमजन में सुरक्षा की भावना विकसित करने के लिए बनी पुलिस-प्रशासन की टीम कोई असर नहीं दिखा पा रही। जिले में 50 से अधिक लोगों को भू माफिया के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था। भू माफियाओं को चिन्हित करने के बाद भी पुलिस आमजन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी।

बेबस हो गए थे एसपी ग्रामीण

शहर से सटे नौसढ़ में रिटायर्ड कर्मचारी के निर्माण कार्य को रोककर भू-माफियाओंने चहारदीवारी ढहा दी। मई माह में हुई घटना के बाद रिटायर्ड कर्मचारी अपनी बेटी संग पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। एक पार्षद का मामला होने से पुलिस-प्रशासन के अफसर कार्रवाई से कतरा रहे थे। तब एसपी ग्रामीण ने एसओ बेलीपार को कार्रवाई का निर्देश दिया तो उसने पल्ला झाड़ लिया। नौसढ़ पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के आगे एसपी ग्रामीण बेबस हो गए थे। काफी प्रयास के बाद रिटायर्ड कर्मचारी अपनी भूमि पर कब्जा पा सके।

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इसमें डीएम का वर्जन आएगा