अफजल गुरु का शहीदी दिवस

जेएनयू परिसर में संसद भवन हमले के आरोपी अफजल गुरु के शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बवाल खड़ा हो गया. गौरतलब है कि जेएनयू प्रशासन ने इस आयोजन को 'भारत विरोधी' बताते हुए अपनी सहमति नहीं दी थी. इसके बावजूद अफजल गुरु के शहीदी दिवस को मनाया गया. इसके साथ ही कश्मीर की आजादी पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया. हालांकि कार्यक्रम आयोजनकर्ताओं का कहना है कि पहले प्रशासन से उन्हें इस कार्यक्रम को कराए जाने की अनुमति मिली थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया. इसके बाद आयोजनकर्ताओं ने हर कीमत पर इस इवेंट को आयोजित करने का फैसला किया.

फिर काट दी गई बिजली

जेएनयू परिसर के ताप्ती हॉस्टल में यह सेमिनार आयोजित किया जा रहा था कि तभी विरोधी छात्रों ने इस हॉस्टल की लाइट काट दी. इसके बाद दोनों छात्र गुटों में हाथापाई शुरू हो गई. इस हाथापाई में प्रोफेसर गिलानी के साथ बदसलूकी बातें भी सामने आ रही हैं. इसके बाद प्रोफेसर गिलानी पर विरोधी गुट के छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उनकी कार पर जमकर पथराव किया गया. इसके बाद आयोजनकर्ताओं ने ह्यूमन चेन बनाकर प्रोफेसर गिलानी को उनकी कार तक पहुंचाया.

आरएसएस ने कराया हमला

जेएनयू परिसर में हुए हमले के बाद प्रोफेसर ने बयान देते हुए कहा कि उन पर आरएसएस ने हमला कराया है. मौके पर मौजूद छात्रों के अनुसार आयोजन विरोधी छात्रों का गुट एबीवीपी और आरएसएस से जुड़े हुए हैं. गौरतलब है कि प्रोफेसर गिलानी को 2001 में संसद हमले में सजा हुई थी लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने सुबूतों के अभाव में गिलानी को रिहा कर दिया. उन्होंने कहा,' 'मैं तो जेएनयू में डिबेट के लिए गया था, मगर वहां एबीवीपी के लोगों ने मुझ पर हमला करने के मकसद से घेर लिया. गनीमत रही कि दूसरे छात्र संगठनों ने मुझे ह्यूमन चेन बनाकर बचा लिया. मुझे मारने की साजिश थी और इसके पीछे संघ परिवार का हाथ है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं डीएसयू के बुलावे पर जेएनयू में आयोजित चर्चा में शिरकत करने गया था. जैसे ही मेरी गाड़ी घुसी, तभी एबीवीपी के छात्र ह्यूमन चेन बनाकर मुझे घेरने लगे और मेरे खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उनका मकसद था कि मैं प्रोग्राम में शामिल न हो पाऊं और वहां से चला जाऊं. इसी दौरान समारोह आयोजित कर रहे छात्रों ने भी ह्यूमन चेन बना ली और मुझे एबीवीपी के कब्जे से छुड़ाकर कार्यक्रम में ले गए.' इसके बाद गिलानी ने कहा, 'समारोह में लेक्चर के दौरान भी संघ परिवार के लोग हंगामा करते रहे. धक्कामुक्की भी की. इसके बाद करीब 11 बजे जैसे ही समारोह से बाहर जाने लगा, तभी फिर से एबीवीपी के छात्रों ने मुझे घेर लिया. मुझ पर हमला भी किया गया. फिर सपोर्टर छात्रों ने मुझे सुरक्षित वहां से निकालते हुए गाड़ी तक पहुंचाया.'

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk