-कब्जेदारों से खुद दम तोड़ रहा मणिकर्णिका घाट, कोने-कोने पर रखा गया है लकड़ी का बोटा

-वीवीआईपीज से लेकर कॉमनमैन तक की यहां जलती हैं चिताएं

-लेकिन घाट पर दु‌र्व्यवस्था व फैली गंदगी पर नहीं है किसी नजर, टूरिस्ट्स का हो रहा मोह भंग

VARANASI: जिस घाट से सभी आत्माओं को मुक्ति मिलती है, उस घाट की आत्मा को खुद मुक्ति की दरकार है। बनारस में मुक्ति घाट के रूप में फेमस मणिकर्णिका घाट पर वीवीआईपीज से लेकर कॉमनमैन तक की चिताएं चलती रहती हैं। लेकिन यहां कब्जेदारों ने ऐसा कब्जा कर रखा है कि इस घाट की सांस ही टूटती जा रही है। यही कारण है कि यहां से टूरिस्ट्स का भी अब मोह भंग होता जा रहा है। एक तो सकरी गली और उसमें भी जगह-जगह रखा गया लकड़ी का बोटा शव यात्रियों के लिए बड़ी प्रॉब्लम क्रिएट कर रहा है। कंडीशन यह है कि शव लेकर घाट पर आने वाले लोगों को गली गली घूमकर यहां आना पड़ रहा है। इस घाट पर अब ऐसा कुछ भी नहीं रह गया है, जिसे ठीक-ठाक कहा जा सके।

लकड़ी माफिया का है कब्जा

मणिकर्णिका घाट पर डेली सैकड़ों चिताएं जलती हैं। ये घाट बनारस के वीआईपी घाटों में शुमार है। लेकिन यहां लकड़ी माफिया ने कुछ इस तरह कब्जा कर रखा है कि घाट पर उपलब्ध फैसिलिटीज दम तोड़ चुकी हैं। गली से लेकर घाटों तक लकड़ी रखकर कब्जा कर लिया गया है। चिता रखने के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म भी ढह चुके हैं, गली में उखड़े हुए चौका, बहता सीवर व चारों तरफ फैला गंदगी से यहां टूरिस्ट्स व शव यात्रियों को डेली सामना करना पड़ रहा है।

अवैध स्टैंड भी हो रहा संचालित

इस घाट पर शवयात्रियों की भीड़ होने का फायदा यहां के लोकल लोग खूब उठा रहे हैं। शवयात्रियों सहित टूरिस्ट्स के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम अवैध पार्किंग स्टैंड से है। दस से बीस रुपये बाइक वालों से वसूल किया जा रहा है। इस तरह की कम्प्लेन नगर निगम तक भी पहुंची है लेकिन निगम प्रशासन खामोश ही बैठा हुआ है। यहीं नहीं मणिकर्णिका घाट पर फॉरेनर्स टूरिस्ट्स के संग मिसबिहैव की कम्प्लेन भी आती रहती है, शायद यही वजह है कि इस घाट पर फॉरेनर्स की आवाजाही नहीं के बराबर रह गई है।

मणिकर्णिका घाट पर दो सौ मीटर तक के दायरे में किये गए अतिक्रमण को हटाया जाएगा। कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इस घाट के सुंदरीकरण के लिए खाका भी खींचा जा रहा है।

रामगोपाल मोहले

मेयर

मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी माफिया का कब्जा है। इनके चलते टूरिस्ट्स को काफी प्रॉब्लम होती है।

मोहित सिंह

गोदौलिया

नगर निगम को यहां एनक्रोचमेंट किए लोगों पर चाबुक चलाना चाहिए। इस घाट की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी प्रयास होना चाहिए।

ऋषभ सिंह

दशाश्वमेध