नई दिल्ली (पीटीआई)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा देश की अर्थव्यवस्था चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से प्रतिशोध की राजनीति को अलग रखने और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सोच-समझकर फैसले लेने का आग्रह किया है। पूर्व पीएम ने मोदी सरकार द्वारा चौतरफा कुप्रबंधन को मंदी का जिम्मेदार बताया है।  

चौतरफा कुप्रबंधन से ऐसे हालात बने हैं

मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा कि पिछली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट रही है। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 0.6 प्रतिशत पर हो रही है। इससे साफ है कि हमारी अर्थव्यवस्था नोटबंदी व जीएसटी के प्रभाव से अभी बाहर नहीं निकल पा रही है। भारत में जीडीपी की बहुत तेज दर से बढ़ने की क्षमता है लेकिन चौतरफा कुप्रबंधन से ऐसे हालात हैं।

राजनीतिक बदले के एजेंडे को किनारे रखें

पूर्व पीएम मनमोह सिंह ने कहा कि वर्तमान की मोदी सरकार ने इसे धीमा कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत  इस लगातार मंदी को झेल नहीं सकता है। मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि वह प्रतिशोध की राजनीति की बजाय हमारी अर्थव्यवस्था को इस मानव निर्मित संकट से बाहर निकलने का कोशिश करें। राजनीतिक बदले के एजेंडे को किनारे रखें।

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भारत एक बड़ी मंदी की ओर बढ़ता जा रहा

बता दें कि बीते शुक्रवार को जारी आंकड़ों में अप्रैल से जून तिमाही में सात साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो एक साल पहले 8 फीसदी थी। ऐसे में कहा जा रहा है देश एक बड़ी मंदी की ओर जा रहा है। यह  सात साल का न्यूनतम स्तर है।  2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर था।

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