1600

लोगों को आमंत्रित किया गया है सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए

02

दिनों तक गंगा पंडाल में चलना है आयोजन

4500

से अधिक लोगों के स्टे और फूडिंग का है अरेंजमेंट

11.30

बजे मंत्रियों सिद्धार्थ नाथ सिंह, सुरेश खन्ना और नंद गोपाल गुप्ता ने किया इनॉगरेशन

25

जिलों (प्रदेश के) के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है आयोजन में

गंगा सम्मेलन में पहुंचे लोगों में नहीं दिखी गंभीरता

4500 स्वयंसेवकों के लिए किए गए हैं इंतजाम

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही गंभीर है। लेकिन इससे जुड़े लोग कितने गंभीर हैं, यह मंगलवार को कुंभ मेला क्षेत्र के गंगा पंडाल में नमामि गंगे योजना के तहत आयोजित दो दिवसीय गंगा सम्मेलन में दिखा। यहां एक तरफ नगर विकास मंत्री व अन्य विशेषज्ञ गंगा को निर्मल बनाने के कारकों पर चर्चा कर रहे थे तो वहीं ज्यादातर स्वयं सेवक और विभिन्न जिलों से आए लोग मोबाइल में व्यस्त थे। कोई सेल्फी ले रहा था, कोई गाना सुन रहा था। तो कोई मूवी देखने के साथ ही वाट्सएप, ट्रिवटर और फेसबुक पर बिजी था। कुछ लोग ऐसे भी थे, जो कुर्सी पर बैठे-बैठे खर्राटा मार रहे थे।

जुटे कई क्षेत्रों के लोग

उत्तर प्रदेश के 25 जनपदों से होकर गुजरने वाली गंगा को किस तरह अविरल और निर्मल बनाया जाए, इस पर चर्चा के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में स्थित गंगा पंडाल में दो दिवसीय गंगा सम्मेलन आयोजित किया गया। इसके लिए गंगा व नदियों के पुनरोद्धार में जुटे विशेषज्ञों के साथ ही संस्थाओं व संस्थानों के पदाधिकारी, गंगा संरक्षण में जुटे स्वयं सेवक, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पर्यावरण विभाग, कृषि विभाग के प्रतिनिधि व अधिकारियों को बुलाया गया था। नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ ही अन्य विशेषज्ञ जुटे थे। वहीं पंडाल में बैठे स्वयं सेवक बातों को गंभीरता से सुनने की बजाय अपने में व्यस्त और मस्त दिखे। ज्यादातर मोबाइल में व्यस्त थे।

सरकारी खर्च पर टूर कर रहे एंज्वॉय

स्वयं सेवकों को बुलाया तो गया था गंगा संरक्षण पर चर्चा में शामिल होने और फिर अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए, लेकिन ऐसा लग रहा था कि ये लोग बस केवल सरकारी टूर को एंजॉय करने पहुंचे हैं।

खाली हो गया पंडाल

पहले दिन जैसे ही प्रथम सत्र का समारोह संपन्न हुआ कुछ ही मिनटों में पूरा पंडाल खाली हो गया। बाहर से आए स्वयं सेवकों ने नाश्ते में मिले पैकेट व पानी के बोतलों को पंडाल में ही फेंक दिया।