क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रांची लोकसभा चुनाव में खड़े प्रत्याशी सामाजिक काम करके अमीर बन गए हैं. जी हां, चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने नॉमिनेशन के समय जो एफिडेविट दिया है, उसमें किसी ने सोशल वर्क तो किसी ने पेंशन का पैसा व अकाउंट में मिल रहे इंट्रेस्ट को सोर्स ऑफ इनकम बताया है. इतना ही नहीं, प्रत्याशियों के साथ-साथ इनकी पत्नियां भी अलग-अलग बिजनेस कर पैसे कमाती हैं.

संजय सेठ हैं सोशल वर्कर

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय सेठ ने जो एफि डेविट दिया है, उसके अनुसार उन्होंने अपना पेशा सोशल वर्क बताया है. चुनाव आयोग को दिए गए एफिडेविट के अनुसार, संजय सेठ का सोर्स ऑफ इनकम सोशल वर्क ही है. सामाजिक कार्य करके ही उन्होंने पैसे कमाए हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी लिखा है कि वह झारखंड स्टेट खादी बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं. वहीं, उनकी पत्नी प्राइवेट ट्यूशन करके पैसा कमाई हैं. संजय सेठ ने अपने दिए गए एफिडेविट में 18,06,420 रुपए दिखाया है. वहीं अपनी पत्नी के नाम 3,67,879 लाख रुपए दिखाया है.

सुबोधकांत को पेंशन का सहारा

कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध कांत सहाय भी पॉलीटिकल और सोशल वर्क करके ही पैसा कमाए हैं. चुनाव आयोग को दिए गए एफि डेविट के अनुसार, सुबोधकांत के पास जो सोर्स ऑफ इनकम है वह लोकसभा और विधानसभा दोनों जगहों से जो पेंशन मिलती है और बैंक अकाउंट से जो इंटरेस्ट मिलता है उससे उन्होंने पैसा कमाया है. सुबोधकांत सहाय ने 21,81,929 रुपए दिखाया है. उनकी पत्नी रेखा सहाय मीडिया और थियेटर से जुड़ा हुआ काम करती हैं. उन्होंने 3,30,304 रुपए दिखाया है.

रामटहल चौधरी भी सोशल वर्कर

रांची लोकसभा चुनाव में इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे रामटहल चौधरी भी सोशल सर्विस और एग्रीकल्चर का काम करके लाखों रुपए कमाए हैं. लोकसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट के अनुसार, उन्होंने 12,06,811 रुपए दिखाया है. उनकी पत्नी एग्रीकल्चर व डेरी का काम करती हैं.