- डीडीयूजीयू छात्र संघ चुनाव के 15 उम्मीदवारों ने आचार संहिता का किया था उल्लंघन

- कार्रवाई के लिए कैंट पुलिस ने चुनाव अधिकारी को सौंपी थी रिपोर्ट

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू छात्र संघ चुनाव में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें महज कागजी बातें नजर आने लगी हैं। यहां कमेटी की सिफारिशें और आचार संहिता स्टूडेंट्स लीडर्स के ठेंगे पर है। सड़कों पर धड़ल्ले से निकल रहे जुलूस, सड़कों पर लगी होर्डिग और बड़े-बड़े पोस्टर्स और कैंपस में हो रही गतिविधियां इन बातों को बाखूबी प्रूव कर रही हैं। इसको देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले 15 उम्मीदवारों की लिस्ट यूनिवर्सिटी के चुनाव अधिकारी को सौंपी थी। मगर लिस्ट मिले 48 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं और महज एक दिन बाद चुनाव है, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि, सभी स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही कराए जाने हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी का इस ओर कदम उठाना कहीं न कहीं उनकी बेबसी को जाहिर करता है।

धड़ल्ले से निकल रहे हैं जुलूस

लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की बात करें तो इसमें उम्मीदवारों को बैनर और पोस्टर लगाने के लिए सिर्फ सीमित पैसा खर्च करना है। मगर छात्र नेताओं ने अब तक हजारों रुपए खर्च कर डाले हैं, जिसका हिसाब-किताब भी यूनिवर्सिटी के पास मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं यहां धड़ल्ले के साथ सड़कों पर जुलूस निकाले जा रहे हैं, जबकि लिंगदोह की सिफारिशों के मुताबिक उम्मीदवार सिर्फ कैंपस के अंदर ही प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। सभी मानकों को दरकिनार कर छात्रनेता सड़कों पर जुलूस निकाल रहे हैं और सड़कों पर पर्चियां उड़ाकर लोगों के सामने परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

वीडियोग्राफी में हुए थे कैद

छात्र संघ चुनाव की घोषणा के बाद से ही उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसार पर पुलिस और प्रशासन की नजर थी। इसके लिए पुलिस की एक स्पेशल टीम को सीओ कैंट ने फोटो और वोडियोग्राफी की जिम्मेदारी सौंपी थी। लिंगदोह कमेटी की शर्तो के मुताबिक, जो भी उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है, उसे प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। मगर जिस दिन पर्चा दाखिला हुआ, उस दिन पुलिस ने तो अपना काम कर सिफारिशों को दरकिनार करने वालों की रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को सौंप दी, लेकिन चुनाव अधिकारी प्रो। संजय बैजल ने ना तो अब तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई और ना ही कोई जांच-पड़ताल। उल्टा चुनाव अधिकारी ने पुलिस की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए।

संदेहास्पद है पुलिस की रिपोर्ट

चुनाव अधिकारी प्रो। संजय बैजल का कहना है कि कैंट पुलिस ने जिन 15 उम्मीदवारों की रिपोर्ट दी है, सिर्फ उन्होंने ही उल्लंघन नहीं किया है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम की ओर से कराई गई वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी में सभी उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कैद हुए है। पूरे शहर में होर्डिग-बैनर लगे हैं। जिन 15 उम्मीदवारों की पुलिस ने लिस्ट सौंपी है, वह संदेहास्पद है। यही कारण है कि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।

इन पर है आरोप

कृष्ण चंद्र तिवारी (अध्यक्ष पद), अभिषेक यादव (अध्यक्ष पद), जगदंबा सिंह श्रीनेत (अध्यक्ष पद), संगम सिंह श्रीनेत (अध्यक्ष पद), सुमित राय (उपाध्यक्ष पद), अजय भूषण धर दुबे (उपाध्यक्ष पद), पवन पांडेय महामंत्री पद, सुजीत कुमार सिंह (महामंत्री पद), कृष्ण मोहन शाही (अध्यक्ष पद), विशाल सिंह (अध्यक्ष पद), कुवंर उपाध्याय (पुस्तकालय मंत्री), अनूप कुमार मद्धेशिया (उपाध्यक्ष), विकास राय (उपाध्यक्ष पद), योगेश्वर नाथ पांडेय (अध्यक्ष पद) व इंद्रमोहन यादव (पुस्तकालय मंत्री)

वर्जन

आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले 15 उम्मीदवारों की रिपोर्ट की गई थी। लेकिन चुनाव अधिकारी ने इनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की, वे ही बता सकते हैं। हमें जो जिम्मेदारी दी गई थी हमने पूरी कर दी।

- बृजेश वर्मा, प्रभारी, कैंट थाना