बीते दस साल में शिक्षा के क्षेत्र में भी आए कई बदलाव

बेसिक से लेकर हायर एजुकेशन सिस्टम में आया सुधार

यूनिवर्सिटी में कई नए कोर्स शुरु हुए जो करियर के लिए फायदेमंद

Meerut। शहर में बीते दस साल में जहां विकास के नए आयाम जोड़े गए तो वहीं शिक्षा क्षेत्र में कई सार्थक बदलाव भी आए। बेसिक एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन में भी खास बदलाव देखा गया। नौनिहालों को प्रॉपर एजुकेशन देने के लिए जहां बेसिक स्कूलों में बदलाव आया, वहीं हायर एजुकेशन में भी कई तरह के रोजगारपरक कोर्स शुरू हुए, जिसका स्टूडेंट को बेहतर करियर बनाने में फायदा मिला।

बेसिक एजुकेशन में बदलाव

शहर की प्राइमरी एजुकेशन में भी खास बदलाव देखने को मिला। बेसिक प्राइमरी स्कूल साधन संपन्न हुए, वहीं आदर्श विद्यालय भी मील का पत्थर बन गए। आईवीआरएस और प्रेरणा ऐप के जरिए भी सुधार आया। कंप्यूटर लर्निग, स्मार्ट क्लासेस, मोबाइल ऐप के जरिए बेहतर लर्निग प्रोसेज अपनाया गया।

पढ़ाई के स्तर में सुधार

बीते 10 साल में यूपी बोर्ड के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एजुकेशन में भी काफी बदलाव आया है। एनसीईआरटी पैटर्न, नकल विहीन परीक्षा,सीसीटीवी, राउटर्स, वाइस रिकार्डर तक की व्यवस्था की गई है। बीते कई साल से चल रहे दो व तीन पेपर की परंपरा इस दशक में खत्म हो गई। एक पेपर प्रणाली ने जहां अपनी जगह बनाई वहीं सिस्टम भी ऑनलाइन हो गया।

हैप्पीनेस क्लासेज बनी खास

सीबीएसई बोर्ड के तहत स्कूलों में काफी बदलाव आया है। वहीं टीचिंग मैथड में भी परिवर्तन आए हैं। स्कूलों में हैप्पीनेस क्लासेज भी एजुकेशन का हिस्सा बन गई हैं। इसके अलावा स्कूलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। दस साल पहले जहां 60 से 70 स्कूल ही थे वहीं अब ये संख्या दो गुनी हो गई है। इसके अलावा प्ले स्कूलों के ग्राफ में भी बदलाव है।

सीसीएसयू में रोजगारपरक कोर्स

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी ने कुछ नए कोर्स शुरु किए गए। जो एक साल पहले ही शुरु हुए है, कोर्स में छह मंथ के शॉर्ट टर्म कोर्स शुरु किए गए हैं। इन कोर्स में कम्प्युटर से रिलेटिड, मासकॉम से रिलेटिड, मोजो मोबाइल जर्नलिज्म सिस्टम, एडवरटाइजमेंट एंड पीआर कोर्स शुरु हुए है। वहीं विभिन्न अन्य कोर्स जैसे एमफिल इन संस्कृत, बीए ऑनर्स, इकोनोमिक्स ऑनर्स आदि सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरु हुए है, जोकि करियर के लिहाजा से फायदेमंद हैं।

नए टॉपिक्स से कराया परिचय

सीसीएसयू में जो कोर्स शुरु हुए है, उनमें कई सारे नए टॉपिक्स शुरु ही है। इनमें मोजो मोबाइल जर्नलिज्म कोर्स के अंदर मोबाइल डिवाइस इनफॉरमेशन, डिजिटल जर्नलिज्म, विजुअल ग्राफिक तकनीकी, जर्नलिज्म करियर ऑनलाइन, टारगेट यूजिंग, सोशल मीडिया तकनीकी आदि है। वहीं एडवरटाइजमेंट एंड पीआर में विभिन्न रोचक टॉपिक्स डिफरेंस विटविन एडवरटाइसमेंट एंड पीआर, पब्लिक रिलेशन स्टडी, ऑनलाइन, प्रिंट, टीवी डिटेल्स, ऑउट ऑफ होम एंड रेडियों कम्युनिकेशन जैसे रोचक टॉपिक्स होंगे। इन कोर्स के लिए सीसीएसयू बकायदा सर्टिफिकेट दिए जा रहे है।

बेहतर रहा पहले से रिजल्ट

पिछले साल भी यूनिवर्सिटी में कई कोर्स शुरु हुए थे। जिनके रिजल्ट बेहतर रहे, इन्हीं को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने इस बार भी नए कोर्स शुरु किए है। इनमें एडमिशन की बात करें तो यहां बीकॉम ऑनर्स 80 सीटों पर 80, एमफिल मासकॉम 10 पर 10, पीएचडी मासकॉम में 12 सीटों पर 6, एमकॉम आनर्स में 40 सीटों पर 40 एडमिशन हुए थे।

दस साल में ये रहा खास

सीसीएस यूनिवर्सिटी में सोलर एनर्जी प्लांट लगा, बिजली की समस्या दूर हुई।

कैम्पस में स्वामी विवेकानंद एवं धनसिंह कोतवाल की मूर्ति की स्थापना

समय पर एडमिशन, रिजल्ट व समय पर परीक्षाएं हुई।

कई नए पाठ्यक्रम जुडे़, एमफिल एंड पीएचडी इन मासकॉम शुरु हुआ।

पहली बार कैम्पस में 50 से अधिक वाइस चांसलर आए।

यूजीसी चेयरमैन आए, विदेशों के 12 सौ लोग आए

यूनिवर्सिटी में डिग्री व मार्कशीट को लेकर शिकायतें कम हुई है

यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग को नियमित किया गया।

कॉलेजों की फीस का निर्धारण किया गया।

यूनिवर्सिटी में डिजिटल लाइबे्रेरी बनी।

नेड पर यूनिवर्सिटी में 18 लाख स्टूडेंट की डिग्री अपलोड हुई

नेट के बाद पीएचडी करने वाले स्टूडेंट के लिए तीन हजार रुपए की स्कालरशिप का प्रबंध हर महीने

यूनिवर्सिटी में दो साल पहले आर्मी के रिटायर्ड जवानों के हवाले सुरक्षा सौंपी गई थी।

50 जवानों की तैनाती यूनिवर्सिटी में हुई थी। इन एक्स आर्मीमैन ने काफी बेहतर तरीके से यूनिवर्सिटी की कमान संभाली।

शोधपीठ की हुई स्थापना

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अन्तर्गत बाबू जगजीवन राम नेशनल फाउन्डेशन की ओर से सीसीएसयू के राजनीति विज्ञान विभाग में ''बाबू जगजीवनराम शोधपीठ'' स्थापना की गई। राजनीति विज्ञान विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो। संजीव कुमार शर्मा ने 2 जनवरी 2017 को मंत्रालय में इस आशय का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। जिसे भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने दो वर्ष बाद स्वीकृत कर 35 लाख रुपए की वार्षिक धनराशि विभाग को स्वीकृत की गई थी।

नई बिल्डिंग का हुआ निर्माण

सीसीएसयू में नए कोर्स की पढ़ाई भी नई बिल्डिंग में होगी। इसके लिए सीसीएस यूनिवर्सिटी कैंपस में नए भवनों का निर्माण कार्य हुए। नए कोर्स एमबीए में बीबीए, बीबीएचए, एमबीएचए के लिए नई बिल्डिंग बनी है। उधर, लॉ डिपार्टमेंट में नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया गया। इसके अलावा डीडब्ल्यू प्रॉक्टर ऑफिस के विस्तार के साथ डीन के ऑफिस का निर्माण कार्य जारी है, तकरीबन 13 करोड़ रुपए की लागत से इन बिल्डिंग का निर्माण कार्य हुआ। आने वाले दिनों में सीसीएसयू कैंपस में स्थित बृहस्पति भवन भी बदला-बदला नजर आएगा। इस भवन के साथ ही अलग से खाने का हॉल भी बनाया जाएगा।

ऑनलाइन हुए रजिस्ट्रेशन

यूनिवर्सिटी में बीते चार पांच साल से एडमिशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत अब एडमिशन से लेकर रिजल्ट तक सभी कुछ ऑनलाइन है।