- एकेटीयू के राजधानी स्थित 26 कॉलेजों के हाथ खाली

- 1.73 लाख सीटें, केवल सात हजार स्टूडेंट्स ने लिया एडमिशन

LUCKNOW: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से एफिलिएटेड इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की स्थिति इस बार भी ठीक नहीं है। एसईई-2016 की काउंसिलिंग के पहले चरण के बाद एकेटीयू के लगभग सभी कॉलेजों के लिए स्थिति खराब है। करीब 12 दिन चली काउंसिलिंग प्रक्रिया के बाद एकेटीयू के एक लाख 73 हजार सीटों के सापेक्ष केवल सात हजार स्टूडेंट्स ने ही एडमिशन लिया है। एकेटीयू ने मंगलवार को एसईई-2016 के पहले चरण की काउंसिलिंग के रिजल्ट जारी किए। काउंसिलिंग के रिजल्ट देखकर एक बार फिर से यूनिवर्सिटी व कॉलेजों की तकनीकि शिक्षा और काउंसिलिंग में किए गए नए प्रयोग की हकीकत को सबके सामने रख दिया है।

233 कॉलेजों को नहीं मिले एक भी स्टूडेंट्स

एसईई काउंसिलिंग की सीट एलॉटमेंट के रिजल्ट में 233 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों का खाता भी नहीं खुला। इन कॉलेजों में एक भी स्टूडेंट्स ने एडमिशन के लिए च्वाइस नहीं भरी। 628 में से 450 ऐसे कॉलेज हैं, जिनमें 20 प्रतिशत से भी कम सीटें आवंटित गई हैं। पूरे प्रदेश में केवल चार-पांच प्रतिशत कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो बाकी कॉलेजों की 50 प्रतिशत से ऊपर सीटें खाली हैं।

90 कॉलेजों में गिने-चुने एडमिशन

पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद करीब 90 कॉलेजों में केवल चार से पांच स्टूडेंट्स ने ही एडमिशन लिया है। राजधानी में करीब 76 प्राइवेट इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज हैं। जहां पर केवल दो या तीन एडमिशन हुए हैं। राजधानी में करीब 26 कॉलेज ऐसे हैं, जहां पर एक भी स्टूडेंट्स ने एडमिशन नहीं लिया है। यूपीएसईई-2016 के कॉर्डिनेटर प्रो। कैलाश नारायण ने बताया कि पहले चरण की काउंसिलिंग का रिजल्ट जारी कर दिया है। पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद 19 हजार स्टूडेंट्स ने सीट अपग्रेडेशन के लिए फ्लोट ऑप्शन चुना है। लगभग 7805 फ्रीज ऑप्शन चुना है। साथ ही लगभग 2323 स्टूडेंट्स ने विड्राल किया है।

सरकारी कॉलेजों की सीटें फुल

राजधानी समेत प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज की दो-चार प्रतिशत सीटों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर आवंटित हो चुकी हैं। एचबीटीआई कानपुर की 653 में 643 सीट, आईईटी की 725 में से 712, केएनआईटी में 522 में से 506, फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर 40 में 40 जैसे तमाम सरकारी कॉलेजों की अधिकतम सीट आवंटित हो चुकी हैं।